चमत्कार करते हो तो जोशीमठ की दरारें जोड़ कर दिखाओ... अब शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने दिया धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती
धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कार को चुनौती देते हुए शंकराचार्य ने कहा कि ‘अगर आपके पास कहीं से अलौकिक शक्तियां आ गई हैं, तो देश में हो रहे धर्मांतरण को रोक दें, लोगों के घरों के झगड़ों में सुमति ला दें, आत्महत्याएं रोक दें, समाज में शांति स्थापित करें दें और चमत्कार करना ही है तो हमारे मठ में जो दरार आ गई हैं, उसे ठीक कर दें...
बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री, दिन पर दिन विवादों में घिरते ही नजर आ रहे हैं। गौरतलब है जहां कुछ दिनों पहले हीबागेश्वर धाम के प्रख्यात कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री पर चमत्कार के नाम पर अंधविश्वास फैलाने के आरोप में नागपुर में पुलिस केस दर्ज किया गया है। तो वहीं अब ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वतीने धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कार करने के दावों को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर वो वास्तव में चमत्कार करने में सक्षम है तो जोशीमठ की धंसती हुई जमीन को रोक कर दिखाएं।
बिलासपुर में आयोजित धर्मसभा के दौरान शंकराचार्य ने बताया अपना मत
दरअसल, बीते रोज जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद छत्तीसगढ़ के बिलासपुर पहुंचे थे और वहां आयोजित धर्मसभा के दौरान जब उनसे पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर सवाल किया गया तो उन्होने साफ तौर पर बागेश्वर धाम के महंत का समर्थन करने से इंकार करते हुए इसे सनातन धर्म के मूल विचारधारा के खिलाफ बताया है। शंकराचार्य ने कहा हम ज्योतिष शास्त्र के आधार पर भविष्य की बात करते हैं जोकि पूरी तरह से शास्त्र की कसौटी पर कसा हुआ हो। इसलिए चमत्कार की बात कर कोई भी धर्म के नाम पर मनमाना बोलने के लिए अधिकृत संत नहीं है।
शंकराचार्य बोले- चमत्कार करने वाले जोशीमठ की धंसती जमीन को रोक कर दिखाएं
इसके साथ ही धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कार को चुनौती देते हुए शंकराचार्य ने कहा कि ‘अगर आपके पास कहीं से अलौकिक शक्तियां आ गई हैं, तो देश में हो रहे धर्मांतरण को रोक दें, लोगों के घरों के झगड़ों में सुमति ला दें, आत्महत्याएं रोक दें, समाज में शांति स्थापित करें दें और चमत्कार करना ही है तो हमारे मठ में जो दरार आ गई हैं, उसे ठीक कर दें... हम बिलासपुर में हैं, वो रायपुर में हैं अगर बागेश्वर महाराज के पास शक्ति है तो वो जोशीमठ की धंसती हुई जमीन को रोक कर दिखाएं, हम उनके लिए फूल बिछाएंगे कि आओ, ये जो हमारे मकान में दरार आ गई है, हमारे मठ में आ गई है, उसे जोड़ दो’।
बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ उपजे विवाद का ये है पूरा मामला
अब बात करें महंत धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ उपजे विवाद की तो इसकी शुरूआतबीते दिनों नागपुर की एक अंधविश्वास उन्मूलन समिति की तरफ से दर्ज कराए FIR से हुई है। असल में इस समिति का कहना है कि धीरेंद्र शास्त्री धर्म के नाम पर समाज में अंधविश्वास और जादू-टोना को बढ़ावा दे रहे हैं। बता दें कि बीते दिनों इस समिति ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान खुले मंच से बागेश्वर धाम के बाबा को चुनौती दी कि अगर वो वास्तव में लोगों के बारे में बिना बताए ही जान लेते हैं तो बाबा एक बार अंधविश्वास समिति के सामने आएं और वहां आकर अपनी सिद्धियों का प्रमाण दिखाएं। समिति ने बाबा को चुनौती देते हुए कहा है कि कहा अगर वो जीतते हैं तो तो उन्हें 30 लाख रुपये हम खुद देंगे।
बागेश्वर धाम के बाबा बोले- ये सब धर्म विरोधी लोगों का कारनामा है
लेकिन वहीं बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने समिति के इस चुनौती को स्वीकार नहीं किया और जो उनका जो कार्यक्रम नागपुर में 13 जनवरी तक चलना था, उसे समय से पहले ही समाप्त कर 11 जनवरी को अपने गढ़ वापस लौट गए। ऐसे में बाबा का चुनौती को स्वीकार न करना और समय से पहले ही अपने कार्यक्रम का समापन करना कहीं न कहीं जनमानस में एक उनके खिलाफ साबित हुआ है। वहीं इस मामले में समिति पर पलटवार करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि उनके खिलाफ रची जा रही ये साजिश असल में धर्म विरोधी लोगों का कारनामा है। धीरेंद्र शास्त्री ने इस कटाक्ष करते हुए कहा है कि 'हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंके हजार'।