PM बनने की हसरत ने ‘सुशासन बाबू’ को बनाया रमता-जोगी! 18 सालों में 13 यात्राएं कर अब नीतीश निकले ‘समाधान यात्रा’ पर
5 जनवरी से शुरू हुई नीतीश कुमार की ये समाधान यात्रा फरवरी तक चलेगी, जो कि 18 जिलों से होकर गुजरेगी। देखा जाए तो बिहार के सुशासन कुमार कहे जाने वाले नीतिश के लिए ये यात्रा कई मायनों में महत्वपूर्ण है।
इस सर्द मौसम में उत्तर भारत का पारा जहां दिन पर दिन पारा लुढ़कता जा रहा है, तो वहीं देश में हो रही राजनीतिक यात्राओं ने सियासी पारा बढ़ा रखा है। जी हां, मालूम हो कि एक तरफ जहां राहुल गांधी अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’लेकर यूपी पहुंच चुके हैं, तो वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आज से समाधान यात्रा पर निकल चुके हैं।
बिहार के 18 जिलों से गुजेरगी नीतीश की ‘समाधान यात्रा’
बता दें कि 5 जनवरी से शुरू हुई नीतीश कुमार की ये समाधान यात्रा फरवरी तक चलेगी, जोकि 18 जिलों से होकर गुजरेगी। देखा जाए तो बिहार के सुशासन कुमार कहे जाने वाले नीतीश के लिए ये यात्रा कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इस यात्रा के जरिए वो बीतो 18सालों में किए गए कामकाज का जायजा लेने साथ बिहार की बदलती जरूरतों को भी समझने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा अपनी पार्टी के लिए आगामी लोकसभी चुनाव के लिए जमीन भी तलाशेंगे। दरअसल, राज्य में शरारबंदी औऱ कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों को लेकर नीतिश सरकार पर बीते दिनों कई गंभीर आरोप लगे। ऐसे में नीतीश अब खुद जनता के बीच जाकर माहौल जानने की प्रयास कर रहे हैं।
इससे पहले 13 यात्राओं के जरिए साध चुके हैं निशाना
देखा जाए तो जनता के बीच जाकर अपने लिए माहौल बनाने की नीतीश की ये रणनीति कोई नहीं है, बल्कि इससे पहले भी वो इस तरह की यात्राओं से राजनीति साध चुके हैं। बता दें कि नीतीश कुमार समाधान यात्रा से पहले बीते 18सालों में 13यात्राएं निकाल चुके हैं। इनमें से कुछ यात्राओं ने बिहार की राजनीति में अहम भूमिकाएं निभाई हैं, जैसे कि साल 2005में नीतीश की न्याय यात्रा ने उन्हें सीएम पद दिलाया तो वहीं 2009लोकसभा चुनाव से पहले आयोजित विकास यात्रा ने एनडीए गठबंधन को लोकसभा में अधिक सीटें दिलाईं।
क्या होगी नीतीश कुमार की इस यात्रा की मंजिल?
हालांकि इनके बाद की गई यात्राओं ने नीतीश और उनकी पार्टी को कोई खास लाभ तो नहीं दिलाया, पर अब जबकि वो समाधान यात्रा पर निकल चुके हैं तो ये सवाल उठने लगा है कि आखिर इस यात्रा की मंजिल क्या है। कुछ राजनीतिक जानकार नीतिश की इस यात्रा की राह मिशन 2024 से जोड़ रहे हैं। कहा जा रहा है कि एक नीतिश, मिशन 2024 के लिए बिहार की यात्रा के बाद अन्य राज्यों और पूरे देश की यात्रा पर भी निकल सकते हैं। गौरतलब है कि महागठबंधन के साथ बिहार में सत्ता पाने के बाद ही नीतीश कुमार ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
इसके लिए तीन महीने पहले ही जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर बीजेपी के लिए खिलाफ एकजुटता की कवायद शुरू कर दी है। ऐसे में इस पहल के चलते 2024 के चुनाव में पीएम कैंडिडेट का मजबूत दावेदार माना जा रहा है। हालांकि नीतिश खुद इस बात को स्वीकार करने से बचते आए हैं, पर जिस तरह से वो बीजेपी के खिलाफ खेमेबाजी का प्रयास कर रहें हैं, उससे तो यहीं संकते मिल रहा है कि वो आगामी चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर देते हुए पीएम उम्मीदवार के तौर पर सामने आ सकते हैं।