भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री माणिक साहा के साथ त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी किया। इस दौरान त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा भी मौजूद रहे। त्रिपुरा के अगरतला में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि त्रिपुरा कभी नाकाबंदी और उग्रवाद के लिए जाना जाता था। राज्य अब शांति, समृद्धि और विकास के लिए जाना जाता है। अन्य राजनीतिक दलों के विपरीत, भाजपा जब भी घोषणा पत्र लेकर आती है, विजन डॉक्यूमेंट के साथ आती है, तो वह उसके लिए कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि लोगों के प्रति, राष्ट्र के प्रति एक 'प्रतिबद्धता' होती है।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि 70 साल में कभी आपने सुना था कि नेता अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर आता है। लेकिन जब भाजपा का नेता सामने आता है तो अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर आता है और आगे का रोडमैप बताता है। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि मैं एक ऐसी पार्टी का प्रतिनिधित्व करता हूं, जिसके पास मोदी जी जैसा नेता है और जिसने देश में राजनीति की प्रकृति को पूरी तरह से बदल दिया है। हम विकास के लिए प्रयास करते हैं और जो हम करते हैं, उसे पूरा करते हैं। क्या आपने देश के इतिहास में किसी नेता को रिपोर्ट कार्ड के साथ आते देखा है?
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि यह केवल भाजपा है, जिसके नेता अपनी प्रगति का रिपोर्ट कार्ड और अपने भविष्य के पाठ्यक्रम के लिए रोडमैप लेकर आते हैं। 2018 त्रिपुरा के लिए 'निकास द्वार' और 'प्रवेश द्वार' दोनों साबित हुआ है। वामपंथी उग्रवाद, भ्रष्टाचार और अपराध के लिए 'निकास द्वार'; शांति, समृद्धि, भाईचारे, विकास और त्रिपुरा के महान उत्थान के लिए 'प्रवेश द्वार'। पीएम मोदी के नेतृत्व में अब हम 'एक त्रिपुरा, श्रेष्ठ त्रिपुरा, उन्नत त्रिपुरा' की ओर बढ़ रहे हैं। मैं गर्व से कह सकता हूं कि 'जो कहा था, वो किया है'।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि हर घर जल योजना, आयुष्मान भारत योजना और शैक्षिक विकास के माध्यम से गरीबों को पक्का घर उपलब्ध कराने से लेकर कार्यात्मक नल जल कनेक्शन तक लोगों के जीवन के हर पहलू का त्रिपुरा के साथ-साथ देश में भी भाजपा सरकार द्वारा ध्यान रखा गया है। साथ ही, यहां के लाखों लोगों के विकास और लाभ के लिए त्रिपुरा में विश्व बैंक परियोजना लाना हमारे वादों की सूची में नहीं था, फिर भी हमने किया। इसी तरह, नए एकलव्य विद्यालयों की स्थापना और वन अधिकारों के संरक्षण के लिए एक एप्लिकेशन विकसित करने का वादा किए बिना भी किया गया है। First Updated : Thursday, 09 February 2023