उगते सूरज को अर्घ्य देकर हुआ छठ महापर्व का समापन
सोमवार को छठपूजा के चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व का समापन हो गया। वैसे तो छठपूजा उत्तर भारत और विशेष रूप से बिहार का मुख्य पर्व माना जाता है लेकिन रोजीरोटी की तलाश में देश के कोने-कोने में बसे उत्तर भारतीय समाज के लोग जगह-जगह छठ महापर्व मना रहे हैं। इसी क्रम में मुंबई से सटे कल्याण में भी छठपूजा की धूम रही।
सोमवार को छठपूजा के चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व का समापन हो गया। वैसे तो छठपूजा उत्तर भारत और विशेष रूप से बिहार का मुख्य पर्व माना जाता है लेकिन रोजीरोटी की तलाश में देश के कोने-कोने में बसे उत्तर भारतीय समाज के लोग जगह-जगह छठ महापर्व मना रहे हैं। इसी क्रम में मुंबई से सटे कल्याण में भी छठपूजा की धूम रही।
कल्याण के विठ्ठलवाड़ी इलाके में छठ व्रतियों के लिए कृत्रिम तालाब बनाया गया था। सूर्य की उपासना के लिए सुबह 4 बजे से ही तालाब पर भक्तों की भीड़ लगी रही।
छठ व्रतियों द्वारा उगते सूरज को अर्घ्य देकर लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन हो गया।
सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने 36 घंटों का निर्जला उपवास तोड़ा। इस दौरान तालाब पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आयोजकों की तरफ से विशेष इंतजाम किए गए थे।