सोमवार 13 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में कॉलेजियम के जजों के नाम की सिफारिश पर केंद्र सरकार की तरफ से देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इस देरी के मुद्दों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में दो याचिका दायर की गई थी। इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले 3 फरवरी को न्यायमूर्ति एसके कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई की थी। तब सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालयों में जजों के तबादले के तबादले की सिफारिश को मंजूरी देने में हो रही देरी पर पीठ ने नाराजगी जताई थी। इसके साथ न्यायमूर्ति एसके कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मुद्दे को बेहद गंभीर बताया था।
3 फरवरी, 2023 को अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया था कि सर्वोच्च न्यायालय में 5 जजों की पदोन्नति के लिए पिछले साल दिसंबर की कॉलेजियम की सिफारिश को जल्दी मंजूरी दे दी जाएगी। आपको बता दें कि इसके बाद 6 फरवरी, 2023 को 5 जज- न्यायमूर्ति पकंज मित्तल, न्यायमूर्ति संजय करोल, न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के पद के लिए शपथ ली।
आज दो जज लेंगे शपथ
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कोर्ट के दो नए जजों न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार को शपथ दिलाएंगे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में कुल न्यायाधीशों की संख्या 34 हो जाएगी।
क्या है कॉलेजियम सिस्टम
कॉलेजियम सिस्टम 28 अक्टूबर 1998 को 3 न्यायाधीशों के मामले में आए सर्वोच्च न्यायालय के दिए गए फैसले के जरिए प्रभाव में आया था। इस सिस्टम में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों का एक पैनल नए जजों की नियुक्ति और तबादले की सिफारिश करते हैं। आपको बता दें कि दूसरी बार भेजने पर कॉलेजियम की सिफारिश को मानना सरकार के लिए आवश्यक होता है। First Updated : Monday, 13 February 2023