क्या समलैंगिक विवाह को मान्यता मिलेगी ? सुप्रीम कोर्ट जल्द करेगा सुनवाई
समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए हाई कोर्ट में लंबित याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरण किये जाने की अर्जियों पर कल यानी कि शुक्रवार को सुनवाई होगी।
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के मामले पर दायर की गयी याचिकाओं पर कल सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए मंगलवार को याचिकाओं का उल्लेख किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाहों को मान्यता देने के निर्देश के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित याचिकाओं को देश की सर्वोच्च अदालत में ट्रांसफर करने के अनुरोध वाली दो याचिकाओं पर 14 दिसंबर 2022 को केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। इससे पहले भी दो याचिकाओं पर कोर्ट ने जवाब मांगा गया था।
समलैंगिक विवाह पर सुशील मोदी ने कहीं ये बात
समलैंगक विवाह के बारे में बीजेपी नेता सुशील मोदी का कहना है कि केवल 2 जज बैठकर समलैंगिक विवाह जैसे महत्वपूर्ण विषय पर कोई फैसला नहीं दे सकते हैं। उन्होंने कहा था कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान समलैंगिक विवाह के मुद्दे को उठाते हुए सुशील मोदी ने कहा था कि भारत में मुस्लिम पर्सनल लॉ जैसे असंहिताबद्ध या किसी भी संहिताबद्ध वैधानिक कानूनों में समलैंगिक विवाह को न तो मान्यता दी जाती है और न ही स्वीकार किया जाता है। यह भारत में व्यक्तिगत कानूनों के नाजुक संतुलन को देखते हुए पूर्ण विनाश का कारण बनेगा।
उन्होंने कहा था कि हमारे देश में विवाह को पवित्र बंधन माना जाता है और यह एक पुरुष और महिला के बीच संबंध है। यह परिवार, बच्चे और उनका पालन-पोषण जैसे मुद्दे विवाह की संस्था से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे को गोद लेना, घरेलू हिंसा और तलाक जैसे अधिकार भी विवाह से जुड़े हुए हैं।