लोकसभा से ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक को मंजूरी
लोकसभा में ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 को मंजूरी मिल गई है। इस विधेयक में करीब 100 किलोवाट के विद्युत कनेक्शन वाली इमारतों के लिए नवीकरणीय स्रोत से ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने का प्रावधान किया गया है।
लोकसभा में ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 को मंजूरी मिल गई है। इस विधेयक में करीब 100 किलोवाट के विद्युत कनेक्शन वाली इमारतों के लिए नवीकरणीय स्रोत से ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने का प्रावधान किया गया है।
लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा, अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों पर हमें गर्व है। अक्षय ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में देश ने जो कुछ हासिल किया है, ऐसा विकसित देश भी नहीं कर पाए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारा समाज पानी और सूर्य का उपासक है और सरकार को पर्यावरण की चिंता है।
उन्होंने कहा कि पेरिस में हुए संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप 21) में भारत ने तय किया था कि 2030 तक बिजली उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत, अक्षय ऊर्जा और स्वच्छ ऊर्जा जैसे गैर-जीवाश्म ईंधन वाले स्रोतों से पूर्ण किया जाएगा। जबकि इस लक्ष्य को देश ने नवंबर 2021, में ही पूरा कर लिया था।
मंत्री ने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है और ऐसे में हर देश को यह समझ आ गया है कि उन्हें इस दिशा में जरूरी कदम उठाना होगा। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हमें निर्यातक बनना होगा और ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया के निर्यातक के रूप में तेजी से उभरना होगा। उन्होंने कहा कि कई उद्योगों ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा के कुछ सदस्यों के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए ध्वनिमत से ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री ने विपक्षी दलों के सदस्यों की टिप्पणियों का जवाब देते हुए कहा कि हम लक्ष्य से नहीं चूके, बल्कि हम आगे चल रहे हैं और उत्सर्जन घटाने के लक्ष्यों को लेकर भी आगे चल रहे हैं।
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों के बारे में सदन में कहा गया है कि इसमें ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया, बायोमास और इथेनॉल सहित गैर-जीवाश्म स्रोतों के उपयोग का प्रस्ताव किया गया है।