अडानी विवाद मामले में बोली वित्त मंत्री - FPO आते हैं और निकल जाते है, ये उतार-चढ़ाव हर जगह होता है
अमेरिकी फोरेंसिक फाइनेंशियल फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों मे भारी गिरावट आई है जिस वजह से अडानी अब टॉप 20 के लिस्ट से बाहर हो चुके है औऱ वे अब 21 नंबर पर है। गिरते शेयरों की वजह से अडानी ग्रुप के मार्केट कैपिलाइजेशन में भारी गिरावट आई है
अमेरिकी फोरेंसिक फाइनेंशियल फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों मे भारी गिरावट आई है जिस वजह से अडानी अब टॉप 20 के लिस्ट से बाहर हो चुके है औऱ वे अब 21 नंबर पर है। गिरते शेयरों की वजह से अडानी ग्रुप के मार्केट कैपिलाइजेशन में भारी गिरावट आई है। अडानी विवाद और कॉरपोरेट गवर्नेंस के मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री एन सीतारमण ने कहा कि भारत कि स्थिति किसी भी तरह से प्रभावित नहीं हुई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 'इसलिए नियामक अपना काम करेंगे। दरअसल, प्रमुख स्थिति में बाजार को अच्छी तरह से विनियमित रखने के लिए, सेबी प्राधिकरण है और उसके पास उस प्रमुख स्थिति को बरकरार रखने का साधन है। अडानी विवाद पर एन सीतारमण ने कहा कि यह नियामक होंगे जो अपना काम करेंगे। आरबीआई ने बयान दिया, उससे पहले बैंकों, एलआईसी ने बाहर आकर अपने एक्सपोजर (अडानी समूह को) के बारे में बताया।"
उन्होने आगे कहा कि "सरकार से स्वतंत्र नियामक, जो उचित है उसे करने के लिए वे खुद पर छोड़ दिए गए हैं ताकि बाजार अच्छी तरह से विनियमित हो। एफपीओ आते हैं और निकल जाते हैं। ये उतार-चढ़ाव हर बाजार में होता है। लेकिन यह तथ्य कि पिछले कुछ दिनों में हमारे पास 8 बिलियन आए हैं, यह साबित करता है कि भारत और इसकी अंतर्निहित ताकत के बारे में धारणा बरकरार है।"
एफपीओ वापसी पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि "ऐसा मत सोचो। पिछले 2 दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार 8 बिलियन (डॉलर) बढ़ गया है। हमारे मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल या अर्थव्यवस्था की छवि प्रभावित नहीं हुई है: वित्त मंत्री से जब पूछा गया कि क्या वैश्विक वित्त बाजार में भारत की स्थिति (अडानी) एफपीओ पुलआउट और वर्तमान स्थिति के मद्देनजर प्रभावित हुई है। कितनी बार इस देश से एफपीओ वापस नहीं लिया गया है और कितनी बार भारत की छवि इसके कारण खराब हुई है और कितनी बार एफपीओ वापस नहीं आए हैं?"