गुरुवार 9 फरवरी को भारत की अध्यक्षता में जी-20 देशों की पहली बैठक बेंगलुरु में हुई। इस बैठक में खदानों और जंगलों में लगी रही आग को बुझाने के उपायों पर चर्चा हुई। जी-20 देशों में धरती के 80 प्रतिशत जंगल आते हैं। बता दें पूरी विश्व में 20 सालों में आग लगने की वजह से 29 प्रतिशत जंगल जल चुके हैं। खदानों और जंगलों में अचानक आग लगने से काफी नुकसान होता है। पिछले कुछ सालों में अमेजन के जंगलों की तरह ऐसी समस्या कई देशों में देखने को मिली है।
इस समस्या के निपटारे के लिए ही जी-20 की पहली बैठक इस गंभीर विषय पर आयोजित की गई। आपको बता दें कि जी-20 ग्रुप में विश्व के औद्योगिक रूप में 13 देश ही कार्यबल करते हैं। इनमें ही एक एन्वायरमेंट एंड क्लाइमेट सस्टेनेबिलिटी वर्किंग ग्रुप है। जी-20 के पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह की चार बैठकें होनी है। जोकि फरवरी से मई के बीच में होनी है। यही वजह है कि पर्यावरण से जुड़े कार्यबल की बैठक पहले आयोजित की गई। आपको बता दें कि दूसरी बैठक गांधीनगर में 27 मार्च से 29 मार्च तक होगी।, तीसरी बैठक मुंबई 21 मई से 23 मई और चौथी बैठक चेन्नई 26 मई से 27 मई में आयोजित की जाएगी।
वहीं 28 जुलाई को चेन्नई में मंत्रिस्तरीय बैठक होने की उम्मीद है। एन्वायरमेंट एंड क्लाइमेट सस्टेनेबिलिटी वर्किंग ग्रुप की होने वाली इन बैठकों में समुद्री प्रदूषण, जैव विविधता के क्षरण, भूमि कटाव-उसकी गुणवत्ता कम होने, प्राकृतिक संसाधनों का भारी दोहन और कूड़ा निस्तारण में अक्षमता समेत कई विषयों पर चर्चा की जाएगी। आपको बता दें कि इस बैठक में भारत अपने द्वारा इन मुद्दों से जुड़े प्रयासों की जानकारी जी-20 के सभी सदस्यों देशों को देगा। First Updated : Friday, 10 February 2023