असम।असम में बाढ़ के बाद जो स्थिति उत्पन हुई है उसका कोई वर्णन नहीं है. अब तक बाढ़ से बच्चों समेत 89 लोगों की मौत हो गई है। सैकड़ों लोगों को भोजन या पानी या स्वच्छता तक पहुंच नहीं है। बाढ़ ने 32 जिलों और असम के 55,42,053 निवासियों को प्रभावित किया है. स्थिति इतनी ज्यादा बिगड़ चुकी है कि सरकार चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रही है या आप इसे ऐसे समझे की राज्य सरकार ने समय रहते कोई ठोस कदम उठाने मे नाकाम रही।
आज मुख्यमंत्री हिमनता बिस्वा सरमा ने बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का आकलन करने के लिए हवाई सर्वेक्षण किया.उनके साथ सांसद डॉ राजदीप रॉय, डीसी और एसपी कछार मौजूद रहे,साथ ही उन्होंने कहा आने वाले दिनों मेंराहत प्रयासों में तेजी लाने के लिए कछार जिला प्रशासन के साथ स्थिति की समीक्षा करने के अलावा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करूंगा और लोगों से बातचीत करूंगा बीते दिन भी मुख्यमंत्री ने बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का आकलन करने के लिए एनडीआरएफ की नाव से नगांव जिले के विभिन्न क्षेत्रों की यात्रा की।
लेकिन इन सबके बीच स्थानीय लोगों का दर्द और पीड़ा कमने का नाम नहीं ले रहा है.बच्चे भूख से बेचैन हैं राहत सामाग्री पहुंच नही पा रही है.पानी तक के लिए लोगों को घंटों प्यासे रहना पड़ा रहा है.लोगों को हर घंटें मौत का सामना करना पड़ रहा है.स्थानीय लोग हारते और बेबस दिख रहें हैं.
आज एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ट्वीट कर लिखा है कि मेरी संवेदनाएं असम के लोगों के साथ हैं, जो भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित हैं। मैं राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह करता हूं। मैं उनकी सुरक्षा और सलामती के लिए प्रार्थना करता हूं।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने राज्य सरकार की लापरवाही की आलोचना करते हुए कहा किअगर कोई संकट है, तो वह बाढ़ का है। भाजपा सत्ता के लिए अंधी हो गई है। असम में बाढ़ है, पीएम को राज्य का दौरा करना चाहिए, विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए लेकिन वह महाराष्ट्र सरकार को गिराने में व्यस्त हैं, या गुजरात चुनाव में... भाजपा के लिए केवल सत्ता ही सब कुछ है. First Updated : Thursday, 23 June 2022