आज मनाया गया सुप्रीम कोर्ट का स्थापना दिवस, “अदालत के लिए कोई भी मामला बड़ा या छोटा नहीं होता”- CJI चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने इस कार्यक्रम में अपने चिवार रखे। उन्होंने कहा कि “अदालत के लिए कोई भी मामला बड़ा या छोटा नहीं होता और हमारी अदालतें लैंगिक समानता के एक मजबूत समर्थक के रूप में उभरी है।“

Nisha Srivastava
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शनिवार को भारत का सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार अपना स्थापना दिवस मनाया। यह कार्यक्रम भारते के सर्वोच्च न्यायालय की 73वीं वर्षगांठ के उलक्ष्य में आयोजित किया गया। इसमें वकालत से जुड़ी हस्तियां शामिल हुईं। सुप्रीम कोर्ट स्थापना दिवस के कार्यक्रम में सिंगापुर के सीजेआई, सुंदरेश मेनन शामिल हुए। बता दें कि सुंदरेश मेनन भारतीय मूल के न्यायाधीश हैं। उन्होंने 'बदलती दुनिया में न्यायपालिका की भूमिका' विषय पर अपने विचार रखे। इस कार्यक्रम में जस्टिस संजय किशन कौल स्वागत भाषण दिया। जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ अपने विचार रखें।

CJI चंद्रचूड़ ने रखे विचार

सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने इस कार्यक्रम में अपने चिवार रखे। उन्होंने कहा कि “अदालत के लिए कोई भी मामला बड़ा या छोटा नहीं होता और हमारी अदालतें लैंगिक समानता के एक मजबूत समर्थक के रूप में उभरी है।“ इस दौरान सीजेआई ने कहा कि केंद्र सरकार ने ई-न्यायालय परियोजना के तीसरे चरण के लिए 7 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इससे न्यायिक संस्थानों तक पहुंचने में और न्यायिक प्रणालियों की दक्षता में सहायता होगी। आपको बता दें कि सीजेआई ने कोरोना काम का अनुभव साझा करते हुए कहा कि कोविड-19 काल में शीर्ष अदालत वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए लोगों तक पहुंची। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च, 2020 से 30 अक्टूबर, 2022 के बीच 3.37 लाख मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की। उन्होंने आगे कहा हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि अदालत तक भारत के प्रत्येक नागरिक की पहुंच हो।

सुप्रीम कोर्ट की स्थापना

ब्रिटिश राज में 1 अक्तूबर 1973 को फेडरल कोर्ट ऑफ इंडिया के रूप में भारत के सबसे ऊंचे अदालत की नींव पड़ी थी। 26 जनवरी 1950 को सुप्रीम कोर्ट की घोषणा और संविधान से मंजूरी मिली। इसके दो दिन बाद 28 जनवरी 1950 को देश का सर्वोच्च न्यायालय अस्तित्व में आया। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट को भारत के संघीय न्यायालय और प्रिविपर्स काउंसिल का विलय करने बनाया गया। संसद भवन के क्वींस अदालत में 9.45 पर पहली सुनवाई हुई।

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04 February 2023, 05:24 PM IST

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