G-20 Summit 2023 : पीएम मोदी ने विदेश मंत्रियों की बैठक को किया संबोधित
गुरुवार 2 मार्च को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया।
गुरुवार 2 मार्च को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया। इस बैठक में कनाडा, नीदरलैंड, अर्जेंटीना, सिंगापुर और बांग्लादेश, साऊदी अरब, चीन, इंडोनेशिया, स्पेन और क्रोएशिया समेत अन्य देशों के विदेश मंत्री शामिल हुए।
पीएम मोदी ने सबसे पहले सभी देशों के विदेश मंत्रियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “मैं जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भारत में आपका स्वागत करता हूं”।
"We are meeting at time of big global divisions," PM Modi at G20 Foreign Ministers' Meeting
— ANI Digital (@ani_digital) March 2, 2023
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उन्होंने आगे कहा कि “यह एकता, एक उद्देश्य और कार्रवाई की एकता की आवश्यकता का संकेत देता है”। पीएम मोदी ने आगे कहा कि “अपनी जी-20 अध्यक्षता के लिए भारत ने एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की थीम चुनी है”। “यह उद्देश्य की एकता और कार्रवाई की एकता की जरूरत को दिखाता है”।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि आज की बैठक सामान्य और ठोस उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक साथ आने की भावना को दर्शाता है। पीएम मोदी ने जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करने हुए कहा कि “पिछले कुछ सालों में वित्तीय संकट, जलवायु परिवर्तन, महामारी, आतंकवाद और युद्ध स्पष्ट रुप से दिखाते हैं कि विश्व अपने दोनों जनादेशों में असफल रहा”।
पीएम मोदी ने बैठक में आगे कहा कि “हमें आज यह भी स्वीकार करना चाहिए कि इस असफलता का दुखद अंजाम विकासशील देशों को सबसे ज्यादा भुगतना पड़ रहा है”। उन्होंने कहा कि “सालों के विकास के बाद आज हम सतत विकास लक्ष्यों की ओर पीछे जाने के जोखिम में हैं”। “कई विकासशील देश ऐसे हैं जो अपने देश की जनता के लिए भोजन और ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने का प्रयास करते हुए कर्ज में डूबे हैं”।
पीएम मोदी ने कहा “अमीर देशों की वजह से जो ग्लोबल वार्मिंग हो रही है, उसका सबसे ज्यादा असर इन विकासशील देशों पर पड़ रहा है”। यही कारण है कि “भारत की जी-20 प्रेसीडेंसी ने ग्लोबल साउथ को आवाज देने का प्रयास किया है”। आपको बता दें कि जी-20 की इस बैठक में तुर्किए और सीरीया में आए भूकंप में मरने वाले लोगों के लिए 1 मिनट का मौन भी रखा गया।