प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पहली बार 5जी इंटरनेट सेवा का इस्तेमाल कर इतिहास रच दिया। यह पहली बार है, जब देश में किसी जगह पर 5जी का सफलतापूर्वक इस्तेमाल हुआ। यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं कि मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत में तकनीक क्रांति युग की शुरुआत हो गई। निसंदेह लोग यह जानने के लिए बेताब हैं कि 5जी के आने से क्या फर्क पड़ेगा? क्या 4जी के मुकाबले 5जी में यूजर को ज्यादा तकनीकी सहूलियतें मिलेंगी। क्या इसके आने के बाद डेटा प्लान महंगे हो जाएंगे?
आम उपभोक्ता को कब तक 5जी सेवाएं मिलने लगेंगी? 5जी से स्पीड के अलावा और कौन सी सुविधाएं मिलेंगी? आसान शब्दों में कहें तो 5जी सबसे आधुनिक स्तर का नेटवर्क है, जिसके अंतर्गत इंटरनेट स्पीड सबसे तेज होगी। इसकी विश्वसनीयता ज्यादा होगी और इसमें पहले से ज्यादा नेटवर्क को संभालने की क्षमता होगी। इसके अलावा इसकी मौजूदगी का क्षेत्र ज्यादा होगा और एक्सपीरियंस भी यूजर फ्रेंडली होगा। लेकिन यूजर्स के लिए सबसे बड़ा सवाल है 5जी इंटरनेट के लिए चुकाई जाने वाली कीमत का है। हालांकि पूरे भारत में इसके पहुंचने में 2023 की पहली तिमाही तक का समय लग सकता है। 4जी में इंटरनेट की डाउनलोड स्पीड 150 मेगाबाइट्स प्रति सेकंड तक सीमित है। 5जी में यह 10 जीबी प्रति सेकंड तक जा सकती हैं। यूजर्स सिर्फ कुछ सेकंड्स में ही भारी से भारी फाइल डाउनलोड कर सकेंगे। 5जी में अपलोड स्पीड भी एक जीबी प्रति सेकंड तक होगी, जबकि 4जी नेटवर्क में सिर्फ 50 एमबीपीएस तक ही है। दूसरी तरफ, 4जी के मुकाबले 5जी नेटवर्क का दायरा ज्यादा होने की वजह से यह बिना स्पीड कम हुए भी कई और डिवाइसेज के साथ जुड़ सकेगा। जिन देशों में 5जी सेवाएं लॉन्च हो चुकी हैं, अगर उनमें 4जी और 5जी की कीमतों का अंतर देखा जाए तो सामने आता है कि अमेरिका में 4जी अनलिमिटेड सेवाओं के लिए जहां 68 डॉलर (करीब पांच हजार रुपये) तक खर्च करने पड़ते थे, वहीं 5जी में यह अंतर बढ़कर 89 डॉलर (करीब 6500 रुपये) तक पहुंच चुका है। अलग-अलग प्लान्स के तहत ये फर्क अलग-अलग होता है। 4जी के मुकाबले 5जी प्लान 10 से 30 फीसदी तक महंगे हैं। हालांकि, भारत में यह फर्क काफी कम रहने की उम्मीद है, क्योंकि बीते वर्षों में भारत में डेटा की कीमत दुनिया में सबसे कम रही है। 5जी की लॉन्चिंग के बाद हमारे जीवन, कारोबार और काम करने के तरीके-सब बदलने के कयास लगाए जा रहे हैं। दरअसल, 5जी की उन्नत तकनीक और उच्च क्षमता सभी चीजों को एक दूसरे से जोड़ देगी- घर, बगैर ड्राइवर वाली कार, स्मार्ट ऑफिस, स्मार्ट सिटी और उन्नत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस। कई अर्थों में, तकनीक से जिन बेहतर और असंभव बदलावों के बारे में हम अक्सर सोचते हैं, 5जी नेटवर्क से वे सब संभव हैं। यह संभावना जताई जा रही है कि 5जी तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में-खासकर अस्पतालों, हवाई अड्डों और डाटा संग्रहण में बड़ी भूमिका निभाएगी। वायरलेस तकनीक की अगली पीढ़ी सिर्फ फोन तक सीमित नहीं होगी।
5जी की एक खास बात यह है कि यह उन्हीं रेडियो फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करेगा, जिन पर मौजूदा मोबाइल डेटा, वाई-फाई और सैटेलाइट संचार चलता आ रहा है। यानी टेलीकॉम कंपनियां 5जी नेटवर्क के लिए आपके पड़ोस में कोई अतिरिक्त टावर नहीं लगाएंगी। कई असंभव सी लगने वाली दुनिया को भी 5जी सच कर सकता है। सुबह आपके उठने के समय पर बिना सेट किए ही अलार्म खुद बजता है। नहाने के समय पर गीजर खुद ऑन होता है और आपके मनमुताबिक पानी गर्म कर देता है। फ्रिज आपको बताता है कि दूध खत्म हो रहा है और कमरे में आते ही लाइट, पंखा-एसी खुद ऑन हो जाते हैं। ऑफिस या स्कूल जाने के बजाय घर पर ही आप मेटावर्स पर लॉग-इन करते हैं। आपका मेटावर्स का वर्चुअल अवतार वर्चुअल दफ्तर या स्कूल में मीटिंग्स और क्लास अटेंड करता है। घर से बाहर निकलना भी हो तो गूगल मैप्स आपको रियल टाइम नेविगेशन बताता है। यानी आपके आगे कौन सी गाड़ी चल रही है, आपकों अपनी कार या बाइक किधर मोड़नी चाहिए, ये भी बताता है। 5जी नेटवर्क इंटरनेट की रफ्तार को इतने गुना बढ़ा सकता है कि आज हम रोजमर्रा की जिंदगी में जो भी काम करते हैं, उसमें 80% काम और आसान हो जाएंगे। First Updated : Saturday, 01 October 2022