नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के लिए परामर्श जारी कर कहा है कि उन्हें ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों को बढावा देने से संबंधित विज्ञापनों से बचना चाहिए। मंत्रालय ने सोमवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल और ऑनलाइन मीडिया में ऑनलाइन सट्टेबाजी वेबसाइटों तथा प्लेटफार्मों के विज्ञापनों के अनेक मामले सामने आने के बाद यह परामर्श जारी किया गया है। परामर्श में कहा गया है कि देश के अधिकांश हिस्सों में सट्टेबाजी और जुआ अवैध है और इससे उपभोक्ताओं विशेष रूप से युवाओं तथा बच्चों के लिए अत्यधिक वित्तीय और सामाजिक-आर्थिक जोखिम पैदा होता हैं।
परामर्श में कहा गया है कि इन विज्ञापनों से ऑनलाइन सट्टेबाजी जैसी प्रतिबंधित गतिविधि को बढ़ावा मिलता है। यह भी कहा गया है, “ऑनलाइन सट्टेबाजी के विज्ञापन भ्रामक हैं, और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 तथा केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन अधिनियम 1995 के तहत विज्ञापन संहिता और भारतीय प्रेस परिषद द्वारा प्रेस परिषद अधिनियम, 1978 के तहत निर्धारित पत्रकारिता आचरण के मानदंडों के अनुरूप नहीं हैं।”
सरकार ने व्यापक जनहित में परामर्श जारी करते हुए कहा है कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों से संबंधित विज्ञापनों को प्रकाशित करने से बचना चाहिए। साथ ही ऑनलाइन विज्ञापन एजेन्टों और प्रकाशकों सहित ऑनलाइन तथा सोशल मीडिया को भारत में ऐसे विज्ञापन प्रदर्शित नहीं करने और इन्हें भारतीय दर्शकों पर केन्द्रीत नहीं रखने की सलाह भी दी गयी है।
मंत्रालय ने इससे पहले 4 दिसंबर 2020 को निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों के लिए एक सलाह जारी की थी, जिसमें प्रिंट और ऑडियो विजुअल विज्ञापन के लिए ऑनलाइन गेमिंग के विज्ञापनों पर भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) के दिशानिर्देशों विशेष तौर पर क्या करें और क्या न करें का पालन करने के लिए कहा गया था। First Updated : Monday, 13 June 2022