हिजाब विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'शिक्षा संस्थान को ड्रेस निर्धारित करने का अधिकार'

बीते कुछ समय पहले केरल से हिजाब का मुद्दा इतना गर्मा गया था कि जिसके बाद केरल के कई स्कूलों में छात्राओं के हिजाब पहनकर कक्षा में बैठने पर रोक लगा दी गई थी। जिसके बाद मुस्लिम पक्ष ने इस पर काफी एतराज जताया था

Vishal Rana
Edited By: Vishal Rana

बीते कुछ समय पहले केरल से हिजाब का मुद्दा इतना गर्मा गया था कि जिसके बाद केरल के कई स्कूलों में छात्राओं के हिजाब पहनकर कक्षा में बैठने पर रोक लगा दी गई थी। जिसके बाद मुस्लिम पक्ष ने इस पर काफी एतराज जताया था और इस मामले पर खूब जमकर बवाल हुआ। मामला केरल हाई कोर्ट तक पहुंचा लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया। उसके बाद फिर यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच। वहीं आज इस मामले पर फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, नियम के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों को ड्रेस निर्धारित करने का अधिकार है, हिजाब अलग है। इस दौरान एडवोकेट जयना कोठारी ने कहा कि, हिजाब पहनने की मनाही से भेदभाव कैसे होता है, इस पर पहला फैसला ब्रिटेन का एक फैसला है, जहां एक लड़की “कड़ा” पहनना चाहती है, जिसकी अनुमति स्कूल ने नहीं दी थी क्योंकि आभूषण की अनुमति नहीं थी। मैं इस तर्क को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं, जिसमें नुकसान की बात कही जा रही है जहां एक समुदाय के एक सदस्य को कुछ ऐसा पहनने से रोका जाता है, जो उसके धर्म के लिए आवश्यक है।

बता दे, अब 19 सितंबर को इस मामले की अगली सुनवाई की जायेगी। वहीं इससे पहले हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि, यह मामला संविधान पीठ को भेजा जाना चाहिए। इससे पहले सुनवाई करते हुए जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधाशु धूलिया की पीठ ने कहा था कि, हिजाब पहनना एक धार्मिक प्रथा हो सकती है लेकिन सवाल ये है कि क्या हिजाब को ऐसे स्कूलों में ले जाया जा सकता है जहां पर एक ड्रेस कोड निर्धारित हो? कोर्ट ने कहा कि आपके पास धार्मिक अधिकार हो सकता है...क्या आप एक शैक्षणिक संस्थान के भीतर उस अधिकार को ले जा सकते हैं जहां एक यूनिफॉर्म निर्धारित है।

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15 September 2022, 05:56 PM IST

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