कैसा है महाकाल कॉरिडोर ! जिसके पहले फेज के निर्माण कार्य को 856 करोड़ की लागत से किया गया है पूरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर विकास परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन महाकालेश्वर की अपनी मान्यताएं हैं।
उज्जैन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर विकास परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन महाकालेश्वर की अपनी मान्यताएं हैं। बारहों महीना यहां पर शिव भक्तों की भीड़ जुटी रहती है। आज देश के प्रधानमंत्री पहली बार महाकालेश्वर उज्जैन मंदिर का दर्शन कर पुजा-अर्चना करेंगे। बता दें कि कॉरिडोर के पहले चरण को 856 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से विकसित किया गया है और इसे 'महाकाल लोक' नाम दिया गया है।
Very excited to witness this beautiful sight.
— Natcharaju Venkata Subhash (@nvsubhash4bjp) October 10, 2022
This Marvel will be open to all tomorrow, 11th October 2022. Shri. Mahakal Lok will be inaugurated by an Astute Shiv Bhakt Sri. @narendramodi Ji.#ShriMahakalLok pic.twitter.com/nuYs31xlwr
कॉरिडोर की कुल लंबाई 900 मीटर से अधिक है जो कि देश के सबसे लम्बे गलियारों में से एक है और इसमें भगवान शिव सहित देवी शक्ति की लगभग 200 मूर्तियाँ और अन्य धार्मिक आकृतियाँ स्थापित की गईं है। “यह परियोजना लोगों को संस्कृति और परंपराओं से जोड़ते हुए धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया जा रहा है। साथ ही, इसका उद्देश्य स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना और शहर की अर्थव्यवस्था में योगदान करना है। वहीं इस परियोजना के द्वारा उज्जैन शहर की सांस्कृतिक और पौराणिक गौरव को हासिल कर उज्जैन को देश की प्रमुख पर्यटक स्थलों से जोड़ना है।
विहंगम दृश्य!
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 9, 2022
सतत् साधना, पूरा मनोयोग, असीम धैर्य, अटल दृढ़संकल्प, अपरिमेय ऊर्जा और अपराजेय जज्बे के परिणामस्वरूप आज उज्जयिनी विलक्षण वैभव से सराबोर है।
इस अद्भुत #ShriMahakalLok को देखकर सनातन धर्म में हमारी आस्था और अधिक प्रबल होगी।
।। जय महाकाल ।। pic.twitter.com/3j9SvY5jgb
26 फीट का नंदी मुख्य द्वार
वैसे तो कॉरिडोर के अंदर विशेष कलाकृतियों की सैकड़ो आकृतियां बनाई गई है लेकिन क्योंकि मुख्य द्वार पहला आकर्षण होता हो इसलिए इसे विशेष ध्यान रखकर डिजाइन किया गया है। 26 फीट की उंचाई का बना नंदी द्वार का नाम शिव के बैल नंदी के नाम पर दिया गया है और द्वार के दोनों ओर नंदी का विशेष पत्थरों से आकृति बनाई गई है, इससे साथ- साथ द्वार में जो स्तंभ बनाया गया है उसमें शिव के नृत्य की आकृतियां उकेरी गई है जो कि काफी मनमोहक एहसास प्रदान करती हैं। इसके अलावे पूरा कॉरिडोर में 108 स्तंभों का इस्तेंमाल किया गया है और रोचक यह है कि सभी स्तंभों पर भगवान शिव की विशेष आकृतियां उतारी गईं हैं।