आदर्श शिक्षक ही छात्रों के जीवन का निर्माण कर राष्ट्र का निर्माण करते हैं: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने शिक्षकों को स्मरण करते हुए कहा कि शिक्षकों ने न केवल उन्हें पढ़ाया बल्कि उन्हें प्यार और प्रेरणा भी प्रदान की। जिसके कारण अपने परिवार और शिक्षकों के मार्गदर्शन के बल पर ही वह कॉलेज जाने वाली अपने गाँव की पहली बेटी बनीं।
नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने शिक्षकों को स्मरण करते हुए कहा कि शिक्षकों ने न केवल उन्हें पढ़ाया बल्कि उन्हें प्यार और प्रेरणा भी प्रदान की। जिसके कारण अपने परिवार और शिक्षकों के मार्गदर्शन के बल पर ही वह कॉलेज जाने वाली अपने गाँव की पहली बेटी बनीं। उन्होंने कहा कि उसने जीवन में जो कुछ भी अर्जित किया है। उसके लिए वह सदैव अपने शिक्षकों की ऋणी अनुभव करती हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि विज्ञान अनुसंधान और नवाचार आज की ज्ञान अर्थव्यवस्था में विकास का आधार हैं। उन्होंने स्कूली शिक्षा के माध्यम से इन क्षेत्रों में भारत की स्थिति को और मजबूत बनने की आधारशिला रखे जानें का आव्हान किया।
उन्होंने कहा कि उनके दृष्टिकोण से विज्ञान, साहित्य या सामाजिक विज्ञान में मौलिक प्रतिभा का विकास मातृभाषा के माध्यम से अधिक प्रभावी हो सकता है। उन्होंने उल्लेख किया कि हमारी माताएं ही हैं। जो हमें हमारे प्रारंभिक जीवन में जीने की कला सिखाती हैं। इसलिए मातृभाषा प्राकृतिक प्रतिभा के विकास में सहायक होती है। मां के बाद शिक्षक हमारे जीवन में शिक्षा को आगे बढ़ाते हैं। उन्होंने आगे बताया कि यदि शिक्षक भी छात्रों को अपनी मातृभाषा में पढ़ाएं तो छात्र आसानी से अपनी प्रतिभा का विकास कर सकते हैं। इसीलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं के प्रयोग पर जोर दिया गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह शिक्षकों की जिम्मेदारी है। कि वे अपने छात्रों में विज्ञान और अनुसंधान के प्रति रुचि पैदा करें। और अच्छे शिक्षक प्रकृति में मौजूद जीवित उदाहरणों की सहायता से जटिल सिद्धांतों को सरल बनाकर उन्हें समझा सकते हैं। उन्होंने शिक्षकों के बारे में एक प्रसिद्ध वाक्य का जिक्र करते हुए कहा कि एक औसत दर्जे का शिक्षक किसी बात को बताता है। अच्छा शिक्षक उसे समझाता है। श्रेष्ठ शिक्षक प्रदर्शित करता है और महान शिक्षक प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि एक आदर्श शिक्षक में ये चारों ही गुण होते हैं। ऐसे आदर्श शिक्षक ही छात्रों के जीवन का निर्माण कर सही अर्थों में राष्ट्र का निर्माण करते हैं।
राष्ट्रपति ने शिक्षकों से छात्रों में प्रश्न पूछने और अपनी शंका व्यक्त करने की आदत को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक प्रश्नों के उत्तर देने और शंकाओं का समाधान करने से उनका ज्ञान भी बढ़ेगा। एक अच्छा शिक्षक हमेशा कुछ नया सीखने के लिए उत्साहित रहता है। इस दौरान राष्ट्रपति ने शिक्षक दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में देश के 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान किए।