India 76th Independence Day: मॉडर्न भारत की 25 हस्तियां जिन्होंने पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है, भाग-3

देश को इस सफर में निकले 75 साल पूरे होने जा रहे हैं। इन 75 सालों में हमने सफलता के कई नये आयाम गढ़े हैं। लगभग 200 सालों तक गुलामी की जंजीरों में जकड़े रहने के बाद जब हमने आजादी की पहली सांस ली तब दुनिया में किसी ने नहीं सोचा था

Janbhawana Times
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"वर्षों पहले, हमनें नियति से मिलने का वचन दिया था, और अब वह समय आ गया है जब हमें अपना वचन निभाना होगा, पूरी तरह से नहीं लेकिन काफी हद तक। आधी रात को जब पूरा विश्व सो रहा होगा, भारत जीवन और स्वतंत्रता की नई सुबह के साथ जागेगा।" 15 अगस्त 1947 को जब भारत आज़ाद हुआ था, तब देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के इन शब्दों को पूरी दुनिया ने सुना और वहाँ से आजाद भारत का नया सफर शुरू हुआ।

देश को इस सफर में निकले 75 साल पूरे होने जा रहे हैं। इन 75 सालों में हमने सफलता के कई नये आयाम गढ़े हैं। लगभग 200 सालों तक गुलामी की जंजीरों में जकड़े रहने के बाद जब हमने आजादी की पहली सांस ली तब दुनिया में किसी ने नहीं सोचा था कि महज कुछ दशकों के सफर में ही हम पूरी दुनिया से कदम मिलाकर चलेंगे। लेकिन आज भारत न सिर्फ दुनिया से कदम मिलाकर चल रहा है, बल्कि अलग-अलग क्षेत्रों में पूरे विश्व का नेतृत्व भी कर रहा है।

यह संभव हो पाया भारत के लोगों की वजह से, वे लोग जिन्होनें अपनी मेहनत और लगन के बलबूते ऐसे मुकाम हासिल किये कि दुनिया को हमारे सामने नतमस्तक होना ही पड़ा। आज हम आपको ऐसी ही 25 शख्सियतों से रूबरू करवाएंगे जिन्होनें वैश्विक स्तर पर तिरंगा लहराया है।

सत्या नडेला

सत्या नडेला कंप्यूटर सॉफ्टवेयर बनाने वाली मशहूर टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ हैं। बिल गेट्स और स्टीव बाल्मर के बाद यह पद संभालने वाले वे तीसरे व्यक्ति हैं। इसके अलावा वे मौजूदा समय में कंपनी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन भी हैं।

इंद्रा नूयी

इंद्रा नूयी पेप्सिको की पूर्व चेयरपर्सन और सीईओ हैं। साल 2004 में पेप्सिको की सीईओ का कार्यभार संभालने वाली इंद्रा कंपनी की पांचवी सीईओ थीं। पेप्सिको द्वारा गेटोरेड और ट्रॉपिकाना के अधिग्रहण में नूयी की अहम भूमिका थी। इंद्रा को टाइम्स व फ़ोर्ब्स मैगज़ीन द्वारा दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिला और दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया जा चुका है।

पराग अग्रवाल

पराग अग्रवाल मौजूदा समय में मशहूर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के सीईओ हैं। राजस्थान के अजमेर में जन्मे पराग ने आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है। साल 2011 में वे बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ट्विटर में शामिल हुए। जिसके बाद साल 2017 में वे कंपनी के सीटीओ और साल 2021 में सीईओ पद के लिए चुने गए।

लीना नायर

लीना मशहूर फ्रेंच फैशन ब्रांड शनेल की मौजूदा सीईओ हैं। शनेल की बागडोर संभालने के पहले लीना यूनिलीवर की पहली महिला, पहली एशियाई और सबसे कम उम्र की मुख्य मानव संसाधन अधिकारी रह चुकी हैं। लीना ने महाराष्ट्र के सांगली स्थित वालचंद कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रॉनिक्स एन्ड टेलीकम्युनिकेशन की पढ़ाई की है।

अरविंद कृष्णा

अरविंद कृष्णा अमेरिका की मशहूर टेक कंपनी आईबीएम के मौजूदा चेयरमैन और सीईओ हैं। आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कर चुके अरविंद साल 1990 में आईबीएम से जुड़े थे। अरविंद ने साल 2020 में आईबीएम के सीईओ का कार्यभार संभाला है। उन्हें अमेरिका की प्रतिष्ठित कंप्यूटर मैगज़ीन सीआरएम द्वारा साल 2021 का सबसे प्रभावशाली कार्यकारी घोषित किया गया है।

अजय बंगा

अजय बंगा एक दशक तक वित्तीय क्षेत्र की बड़ी कंपनी मास्टरकार्ड के सीईओ के तौर पर काम कर चुके हैं। इसके बाद वे मास्टरकार्ड के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन भी रहे। मौजूदा समय में अजय बंगा अमेरिका की मशहूर ग्रोथ इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक के सीईओ हैं।

अमिताभ बच्चन

'बिग बी' के नाम से मशहूर अमिताभ को भारतीय फिल्म जगत का 'मेगा स्टार' कहा जाता है। केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में अमिताभ के चाहने वाले मौजूद हैं। मिस्र में होने वाले प्रतिष्ठित 'अलेक्सांद्रिया इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल' में अमिताभ को 'एक्टर ऑफ़ द सेंचुरी' के खिताब से भी नवाज़ा जा चुका है। इसके अलावा वे फ्रांस के सबसे बड़े 'लीजन ऑफ़ ऑनर' समेत कई अंतर्राष्ट्रीय सम्मान हासिल कर चुके हैं।

सत्यजीत रे

सत्यजीत रे को भारत के सबसे महान फिल्म निर्देशक व निर्माता के तौर पर जाना जाता है। इनकी बनाई फिल्म 'पाथेर पांचाली' को फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में मास्टरपीस की संज्ञा दी जाती है। रे के काम से न केवल भारतीय फिल्म निर्देशक, बल्कि विदेशी फिल्म निर्देशक भी प्रेरणा लेते हैं।

शाहरुख़ खान

बॉलीवुड के बादशाह कहे जाने वाले शाहरुख़ खान दुनिया के सबसे अमीर अभिनेताओं में गिने जाते हैं। दो दशक से भी लम्बे समय से दर्शकों का मनोरंजन कर रहे शाहरुख़ कई सुपरहिट फिल्मों का हिस्सा रह चुके हैं। फ़िल्मी दुनिया में अपने अभूतपूर्व योगदान के चलते शाहरुख़ दुनियाभर की अलग-अलग यूनिवर्सिटी से पांच बार डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त कर चुके हैं। फ्रांस की सरकार द्वारा शाहरुख़ को 'लीजन ऑफ़ ऑनर' से भी सम्मानित किया जा चुका है।

ए आर रहमान

ऑस्कर विजेता संगीतकार ए आर रहमान अपने अतुल्य संगीत के चलते देश दुनिया में मशहूर हैं।वे 6 बार नेशनल फिल्म अवार्ड भी जीत चुके हैं। इसके अलावा रहमान संगीत के क्षेत्र में दिया जाना वाला प्रतिष्ठित ग्रैमी अवार्ड भी अपने नाम कर चुके हैं। रहमान को विश्व प्रसिद्ध 'बर्कली कॉलेज ऑफ़ म्यूजिक' द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से भी सम्मानित किया जा चुका है।

रजनीकांत

भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के सबसे लोकप्रिय सुपरस्टार रजनीकांत सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बेहद पसंद किये जाते हैं। जापान में रजनीकांत को सुपरस्टार का दर्जा प्राप्त है। आलम यह है कि आमतौर पर रजनीकांत की फिल्म जापान में हॉउसफुल चलती है। जापानियों का रजनीकांत के प्रति प्यार का अंदाजा उनकी फिल्मों के जापानी बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को देखकर साफ़ पता चलता है।

पंडित रवि शंकर

भारत के जाने-माने सितार वादक पंडित रवि शंकर ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को दुनिया भर में पहचान दिलाई है। भारत रत्न पंडित रवि शंकर अपने संगीत के लिए पांच बार ग्रैमी अवार्ड भी जीत चुके हैं। इन्हें 55वे ग्रैमी अवार्ड समारोह में 'लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड' से सम्मानित किया जा चुका है। फिल्म गांधी में दिए गए संगीत के लिए पंडित रवि शंकर ऑस्कर के लिए भी नामांकित हुए थे।

पंडित राम नारायण

पंडित राम नारायण भारत के विख्यात सारंगी वादक थे। इन्हें दुनिया का पहला अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफल सारंगी वादक माना जाता है। पंडित राम नारायण ने साल 1964 में पहली बार अमेरिका व यूरोप में लोगों को अपनी सारंगी की धुन पर झूमने के लिए मजबूर किया था। जिसके बाद वे लगातार अंतर्राष्ट्रीय मंचों में भारतीय शास्त्रीय संगीत का सम्मान बढ़ाते रहे।

एम नाईट श्यामलन

एम नाइट श्यामलन भारत में जन्मे अमेरिकी फिल्म निर्माता व निर्देशक हैं। इन्हें साल 1999 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म 'द सिक्स्थ सेंस' से शोहरत मिली। श्यामलन श्रेष्ठ निर्देशक व मूल पटकथा की श्रेणी में प्रतिष्ठित ऑस्कर एवं बाफ्टा पुरस्कारों के लिए भी नामांकित हो चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर श्यामलन अब तक 13 अवार्ड अपने नाम कर चुके हैं।

उस्ताद अल्लाह रखा कुरैशी

अल्लाह रखा भारत के सबसे मशहूर तबला वादक थे। इन्हें पश्चिमी देशों में तबला वादन को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है। उस्ताद अल्लाह रखा ने दुनिया के अलग-अलग देशों में कई शो कर भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक पटल पर पहचान दिलाई। साल 1967 के प्रसिद्ध 'मॉन्टेरी पॉप फेस्टिवल' में अल्लाह रखा ने पंडित रवि शंकर के साथ मिलकर दर्शकों को झूमने में मजबूर कर दिया था।

कल्पना चावला

कल्पना चावला भारत में जन्मी एक अमेरिकी खगोलयात्री थी। वे अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला के तौर पर याद की जाती हैं। कोलंबिया अंतरिक्ष यान हादसे में अपनी जान गंवाने के पहले कल्पना अंतरिक्ष में 1 करोड़ किलोमीटर का सफर तय कर चुकी थीं। कल्पना को सम्मान देने के लिए नासा ने अपने एक सुपर कंप्यूटर का नाम उनके नाम पर रखा है। इसके अलावा अंतरिक्ष में एक उल्कापिंड को भी कल्पना चावला का नाम दिया गया है।

मदर टेरेसा

मदर टेरेसा मानवता की भलाई के लिए किये गए अपने कामों के लिए दुनियाभर में जानी जाती हैं। समाज के प्रति अपने सेवा भाव के चलते मदर टेरेसा को साल 1962 में रेमन मेग्सेसे शांति पुरस्कार और साल 1979 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। मदर टेरेसा गरीबों की मदद के लिए उनके ही साथ झुग्गियों में जीवन व्यतीत करने लगी थी। इनकी जीवनी पर 'समथिंग ब्यूटीफुल फॉर गॉड' नाम की किताब भी लिखी जा चुकी है।

अमर्त्य सेन

अमर्त्य कुमार सेन मशहूर भारतीय अर्थशास्त्री हैं। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सेन साल 1998 का नोबेल पुरस्कार अपने नाम कर चुके हैं। 'भारत रत्न' अमर्त्य सेन दिल्ली यूनिवर्सिटी, नालंदा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, ऑक्सफ़ोर्ड, बर्कली, स्टेनफोर्ड, एमआईटी जैसे विख्यात विश्वविद्यालयों में शिक्षण कार्य कर चुके हैं। वर्तमान में सेन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए हैं।

कैलाश सत्यार्थी

कैलाश सत्यार्थी एक भारतीय समाज सुधारक हैं। ये भारत में बाल मजदूरी के खिलाफ अपने अभियानों को लेकर दुनिया भर में जाने जाते हैं। समाज सुधार की दिशा में किये गए अपने कामों के चलते कैलाश सत्यार्थी को साल 2014 में शांति का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। सत्यार्थी और 'बचपन बचाओ आंदोलन' की उनकी टीम 86,000 से भी अधिक बच्चों को बाल मजदूरी के दलदल से निकाल चुकी है।

अभिजीत बनर्जी

अभिजीत बनर्जी एक भारतीय अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं जिन्हें साल 2019 में अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। अभिजीत ने ऐसे शोध किए जो वैश्विक ग़रीबी से लड़ने की हमारी क्षमता में काफ़ी सुधार करते है। वर्तमान में वे फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर के तौर पर अमेरिका की विख्यात एमआईटी यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए हैं।

ई. श्रीधरन

भारत में 'मेट्रो मैन' के नाम से मशहूर ई. श्रीधरन डीएमआरसी के पूर्व प्रबंध संचालक हैं जिन्हें भारत में मेट्रो शुरू करने और उसके सफल संचालन का श्रेय दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा पद्मश्री और पदम् विभूषण से सम्मानित श्रीधरन को फ्रांस की सरकार द्वारा 'लीजन ऑफ़ ऑनर' से भी सम्मानित किया जा चुका है। साल 2003 में इन्हें प्रतिष्ठित टाइम मैगज़ीन द्वारा 'एशिया का हीरो' भी घोषित किया गया था।

नरिन्दर सिंह कपानी

नरिन्दर सिंह कपानी एक भारतीय-अमेरिकी भौतिक शास्त्री हैं। इन्हें फाइबर ऑप्टिक्स के जनक के तौर पर भी जाना जाता है। फार्च्यून मैगज़ीन द्वारा कपानी को '20वी सदी के 7 गुमनाम हीरो' की सूची में भी स्थान दिया गया है। कपानी की क्रांतिकारी खोज की बदौलत ही दुनिया इंटरनेट, टेलीविज़न व दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में इतनी तरक्की कर पाई है।

विनोद खोसला

विनोद खोसला एक भारतीय-अमेरिकी बिजनेसमैन और सन माइक्रोसिस्टम के सह-संस्थापक हैं। सन माइक्रोसिस्टम को 'जावा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज' और 'वर्चुअल बॉक्स' बनाने का श्रेय दिया जाता है। इसके साथ ही खोसला की सन माइक्रोसिस्टम ने कई प्रमुख कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसमें यूनिक्स और वर्चुअल कंप्यूटिंग सबसे अहम है।

फरीद ज़कारिया

मुंबई में जन्मे फरीद ज़कारिया भारतीय-अमेरिकी लेखक व पत्रकार हैं। लम्बे समय तक न्यूज़वीक इंटरनेशनल के सम्पादक के रूप में काम कर चुके ज़कारिया टाइम मैगज़ीन के एडिटर-एट-लार्ज भी हैं। फरीद ज़कारिया सीएनएन के साप्ताहिक शो 'फरीद ज़कारिया जीपीएस' के होस्ट के तौर पर लोगों को बेहद पसंद आते हैं।

मोहन भागवत

मोहन भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मौजूदा एवं छठवें सरसंघचालक हैं। भागवत हिंदुत्व के विचार को आधुनिकता के साथ आगे बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। वे हमेशा बदलते समय के साथ चलने पर जोर देते हैं। आधुनिकीकरण को स्वीकार करते हुए भागवत ने पूरे विश्व में रह रहे हिन्दुओं को एक नई दिशा दी है, साथ ही वे इस धारणा को भी तोड़ने में सफल रहे कि संघ हमेशा पुरानी मान्यताओं से चिपका रहता है। मोहन भागवत हिंदुत्व व भारत दोनों की ही एक नई छवि दुनिया के सामने बनाने में सफल रहे हैं।

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15 August 2022, 01:50 PM IST

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