LAC पर चीन के 5G नेटवर्क से भारतीय सशस्त्र बलों की संचार व्यवस्था हुई प्रभावित
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की सीमाओं के पास चीन के 5जी नेटवर्क की वजह से भारतीय सशस्त्र बलों को रेडियो संचार में समस्याओं का
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की सीमाओं के पास चीन के 5जी नेटवर्क की वजह से भारतीय सशस्त्र बलों को रेडियो संचार में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय सीमा पर तैनात जवानों के संचार उपकरणों में एक अजीब सी तेज आवाज सुनाई दे रही है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए काम कर रहा है।
भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एक नया उपग्रह लॉन्च करने की योजना पर भी चर्चा की जा रही है जो इस समस्या से निपटने में मदद करेगा। चीन अपनी तरफ से सीमावर्ती क्षेत्रों में 5जी नेटवर्क शुरू कर रहा है। चीनी 5जी तरंगों की वजह से सीमा पर तैनात भारतीय जवानों के संचार उपकरणों में एक अजीबोगरीब आवाज सुनाई दे रही है। भारत ने संबंधित अधिकारियों को इस समस्या से निपटने के निर्देश दिए हैं जिस पर डीआरडीओ ने इस समस्या का स्थायी समाधान खोजने के लिए काम शुरू कर दिया है।
भारतीय सशस्त्र बलों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एक नए उपग्रह को लॉन्च करने की योजना पर भी चर्चा की जा रही है जो इस समस्या से निपटने में मदद करेगा। डीआरडीओ के एक अधिकारी का कहना है कि यह भी विचार किया जा रहा है कि भारतीय जवान अब के बैंड आवृत्ति का उपयोग करें जो आम जनता या व्यावसायिक उपयोग के लिए नहीं खुली होगी। इसे केवल रक्षा बलों और रेडियो खगोल विज्ञान के लिए इस्तेमाल करने के लिए अलग रखा जाएगा।
एक पूर्व रक्षा वैज्ञानिक का कहना है कि संचार नेटवर्क में समस्याओं के बारे में उत्तरी सीमाओं पर तैनात भारतीय सैनिकों का सामना करना पड़ रहा है। अगर 5जी के इस्तेमाल के कारण संचार उपकरणों में कोई समस्या है तो डीआरडीओ इसे हल करने में पर्याप्त सक्षम है। दरअसल, चीन ने एलएसी पर जहां 5जी नेटवर्क शुरू किया है, वहां भारत की तरफ सीमावर्ती इलाकों में मोबाइल नेटवर्क की कमी है। लद्दाख के चुशूल के पार्षद कोंचोक स्टेनज़िन पहले भी कई बार सीमावर्ती इलाकों में खराब नेटवर्क की बात उठा चुके हैं।
उन्होंने 2 जून को एक बार फिर ट्विटर के जरिए इस मुद्दे को उठाकर ग्राउंड जीरो के सीमावर्ती गांवों में 4जी नेटवर्क शुरू करने का अनुरोध किया। उनका कहना है कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र के 11 गांवों में 4जी सुविधा नहीं है। चुशूल निर्वाचन क्षेत्र के गांव अभी भी बेहतर संचार सुविधाओं से वंचित हैं। सीमावर्ती गांवों को प्राथमिकता के तौर पर लिया जाना चाहिए।