सुर्खियों में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस, अमेरिका सहित छह देशों ने दिखाई दिलचस्पी

हिन्दुस्तान ऐयरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित स्वदेशी तेजस विमान एक बार फिर से सुर्खियों में है. दरअसल, एचएएल के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया है कि भारत में निर्मित किये जा रहे स्वदेशी फाइटर जेट तेजस की डिमांड बढ़ती जा रही है

Suman Saurabh
Edited By: Suman Saurabh

नई दिल्ली। हिन्दुस्तान ऐयरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित स्वदेशी तेजस विमान एक बार फिर से सुर्खियों में है. दरअसल, एचएएल के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया है कि भारत में निर्मित किये जा रहे स्वदेशी फाइटर जेट तेजस की डिमांड बढ़ती जा रही है और इस लड़ाकू विमान में कई देशों ने रुची दिखाई है. अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका,ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस और इंडोनेशिया समेत छह देशों ने तेजस विमाम में दिलचस्पी दिखाई है. बता दें इसके पहले मलेशिया भी तेजस को खरीदने में दिलचस्पी दिखा चुका है। 

तेजस की खूबियां बेमिसाल

गति: रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि वैसे तो स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में कई खूबियां हैं, लेकिन जो बात इसे सबसे अलग बनाती है वो इसकी गति है. उन्होंने बताया कि तेजस का वजन अन्य लड़ाकू विमानों की तुलना में काफी कम है जो इसे बेमिसाल गति प्रदान करने में मदद करता है. बताया जाता है कि यह विमान आठ से नौ टन भार को लेकर उड़ने की क्षमता रखता है. इतना ही नहीं यह 52 हजार फीट तक उस भार को हवा की गति से तेज ले जाने में सक्षम है.

अत्याधुनिक तकनीक : विषेशज्ञों के अनुसार यह विमान तकनीक के मामले में भी अपनी कैटेगरी के अन्य विमानों को मात देता है. 550 करोड़ रुपये की लागत से विकसित इस स्वदेशी विमान में क्रिटिकल आपरेशन क्षमता के लिए एक्टिव इलेक्ट्रानिकली-स्कैन्ड रडार का उपयोग किया गया है. इसे हवा में ऑपरेशन के दौरान ही रिफ्यूल किया जा सकता है. इसमें इस्तेमाल हुए ज्यादातर पार्टस को एचएएल ने ही विकसित किया है. इसमें इजराइल के द्वारा विकसित रडार सहित कई स्वदेशी रडार को लगाया गया है जिससे यह दुश्मन को कुछ सेकण्ड्स में पहचान लेने की क्षमता रखता है और चकमा देने की भी ताकत रखता है. साथ ही इसकी मेंटेनेंस कोस्ट भी काफी कम आंकी गई है.

हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर आर.माधवन ने कहा है कि इसे और अत्याधुनिक और ताकतवर बनाने की कोशिश हमारी टीम की ओर से की जा रही है. उम्मीद है कि इसमें और देश अपनी दिलचस्पी दिखाएंगे.

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06 August 2022, 12:13 PM IST

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