जम्मू कश्मीर के कश्मीरी पंडितों और गैर कश्मीरियों की हत्या का सिलसिला थम नहीं रहा है। राहुल भट्ट और रजनी बाला के बाद आंतकियों ने गुरुवार को एक और कायराना हरकत को अंजाम दिया है। जम्मू कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों ने एक बैंक में घुसकर बैंक के मैनेजर को गोली मार दी। मैनेजर को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। बैंक मैनेजर की हत्या के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में को घेर लिया और आतंकवादियों की तलाश की जा रही है। बता दें कि कश्मीर में आतंकी वारदातों को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ जम्मू-कश्मीर के गवर्नर मनोज सिन्हा के साथ बैठक होने वाली है।
घाटी में सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे अभियानों से बौखलाए आतंकी कायराना हरकत को अंजाम दे रहे हैं। मृतक बैंक मैनेजर का नाम विजय कुमार बताया जा रहा है जो देहाती बैंक में बतौर मैनेजर काम करते थे। उन्होंने कुछ दिन पहले ही यहां नौकरी ज्वाइन की थी। वह राजस्थान के हनुमानगढ़ के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि आतंकवादियों ने विजय कुमार पर उस समय हमला किया जब वो बैंक की कुलगाम शाखा में ड्यूटी पर थे।
इस घटना के बाद फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। अशोक पंडित ने कश्मीर में टारगेट किलिंग पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर में हालत को नियंत्रण करने में पूरी तरह से फेल हो चुकी है।
बीते कुछ समय से आतंकवादी घाटी में दहशत का माहौल कायम करने के लिए हिंदू नागरिकों और सरकारी कर्मचारियों को चुनकर निशाना बना रहे हैं। आतंकियों ने हाल ही में बडगाम में कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट और कुलगाम में महिला शिक्षक रजनी बाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसका कश्मीरी पंडितों ने जमकर विरोध किया था। घाटी में लगातार हो रही वारदातों के बाद कश्मीरी पंडितों ने सरकार से मांग की थी कि सभी प्रवासी सरकारी कर्मचारियों को सुरक्षित स्थान पर तैनात किया जाए और सरकार ने इसके मद्देनजर आश्वासन भी दिया था।
घाटी में हिंदू नागरिकों खासकर सरकारी कर्मचारियों को निशाना बनाकर हो रही हत्याओं के बाद प्रशासन ने उनकी सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। जम्मू प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत कश्मीर में तैनात प्रवासियों और जम्मू संभाग के दूसरे कर्मचारियों को घाटी में 6 जून तक सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का आदेश जारी कर दिया है। जिसके मुताबिक, कश्मीर संभाग में पीएम पैकेज के तहत तैनात अल्पसंख्यक समुदायों के कर्मचारियों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर तैनात किया जाएगा।
बता दें कि कश्मीर में 5 अगस्त, 2019 से लगातार टारगेट किंलिंग जैसे मामले सामने आ रहे हैं। जिस दिन केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा हटा दिया और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया। सरकार ने कश्मीर पंडितों के वापसी के प्रयास किए, उन्हें नौकरियां दी गईं और रहने के लिए घर दिए गए। First Updated : Thursday, 02 June 2022