जम्मू-कश्मीर: घुसपैठ के दौरान घायल हुआ पाकिस्तान का आतंकी, भारतीय सेना के जवानों ने 3 बोतल खून देकर बचाई जान

भारतीय सेना ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्तानी आतंकी तबराक हुसैन 21 अगस्त को बॉर्डर पोस्ट पर घुसपैठ और हमला करने के दौरान घायल हो गया था जिसके बाद हमारे जवानों ने उसे 3 बोतल खून दिया।

भारतीय सेना ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्तानी आतंकी तबराक हुसैन 21 अगस्त को बॉर्डर पोस्ट पर घुसपैठ और हमला करने के दौरान घायल हो गया था जिसके बाद हमारे जवानों ने उसे 3 बोतल खून दिया। 
 
जम्मू-कश्मीर में राजौरी जिले के बॉर्डर पोस्ट पर हमला करने आए एक आतंकी को भारतीय सेना के जवानों ने अपना खून दिया है। सेना ने बुधवार को एक खास बातचीत के दौरान बताया कि 21 अगस्त को आतंकी बॉर्डर पोस्ट पर घुसपैठ और हमला करने के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया था, और उसके शरीर से खून ज्यादा बह (निकल) जाने से उसे खून की जरुरत थी ऐसे में हमारे जवानों मिलकर उसे 3 बोतल खून दिया। घायल आतंकी की पहचान तबराक हुसैन (32 साल) के तौर पर की गई है जो कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से आया था। 
 
भारतीय सेना की 80 इन्फेंट्री ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर कपिल राणा ने जानकारी दी कि 21 अगस्त को सुबह के समय झानगड़ में तैनात हमारे जवानों ने नियंत्रण रेखा (LOC) के दूसरी तरफ दो से तीन आतंकवादियों की गतिविधि देखी। 
 
उन्होंने आगे बढ़ते हुए कहा, एक आतंकी भारतीय पोस्ट के करीब आकर बाड़ काटने की कोशिश करने लगा। तब हमारे जवानों ने उसे ललकारा तो आतंकवादी भागने की कोशिश करने लगे इस पर जवाबी कार्यवाही करते हुए हमारे जवानों ने फायरिंग की और गोली लगने से एक आतंकवादी घायल हो गया, वहीं पीछे छिपे हुए दो आतंकवादी घने जंगल की आड़ लेकर भागने में कामयाब हो गए। उन्होंने कहा, घायल हुए पाकिस्तानी आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया गया और तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के साथ-साथ उसकी सर्जरी की गई। 
 
राजौरी सेना अस्पताल के कमांडेंट ब्रिगेडियर राजीव नायर ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि आतंकी की जांघ और कंधे में दो गोली लगने के कारण खून ज्यादा बह गया था और उसकी हालत बहुत गंभीर थी। ऐसे में उसे खून की आवश्यकता थी उसका बचना मुश्किल था, तब हमारी टीम के सदस्यों ने उसे तीन बोतल खून दिया, उसका ऑपरेशन किया गया और उसे आईसीयू में भर्ती कराया।
 
सिर्फ 30 हजार रुपए के लिए हमला करने आया था आतंकी
 
ब्रिगेडियर राणा ने बताया कि पूछताछ पर आतंकवादी ने भारतीय सेना की चौकी पर हमला करने की अपनी साजिश को कबूल किया। और उसने खुलासा किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के कर्नल यूनुस चौधरी ने उसे भेजा था और उसे 30,000 रुपये (पाकिस्तानी मुद्रा) भी दिये थे।
 
हुसैन ने काफी समय से आतंकवाद से जुड़े होने की बात कबूल की है और उसने यह भी बताया कि पाकिस्तानी सेना के मेजर रज्जाक ने उसे प्रशिक्षण दिया है। उसने सेना बताया, मुझे धोखा दिया गया (साथी आतंकवादियों द्वारा) जिसकी वजह से भारतीय सेना ने मुझे पकड़ लिया। हुसैन ने कहा कि उसने छह महीने का प्रशिक्षण प्राप्त किया है और पाकिस्तानी सेना द्वारा लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के सदस्यों के लिए संचालित कई आतंकवादी शिविरों में भी जा चुका है।
 
राजौरी सेना अस्पताल के कमांडेंट ब्रिगेडियर राजीव नायर ने कहा कि हुसैन की हालत अभी स्थिर है। उन्होंने यह भी कहा कि, वह हमारे जवानों का खून बहाने आया था लेकिन उन्होंने उसकी जान बचाई, उसे खून दिया और अपने हाथों से उसे खाना भी खिलाया। अधिकारियों के मुताबिक गिरफ्तारी के वक़्त वह चिल्ला रहा था, मैं मरने के लिए यहाँ आया था, मुझे मेरे साथियों ने धोखा दे दिया, भाईजान मुझे यहां से निकालिए।
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25 August 2022, 03:11 PM IST

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