अंतरिक्ष यात्रा करने वाले लोगों में कल्पना चावला का नाम नया नहीं है। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थीं। इस साल कल्पना चावला की 20वीं पुण्यतिथि है। कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के करनाल में 17 मार्च, 1962 को हुआ था। उन्होंने करनाल के टैगोर बाल निकेतन स्कूल से अपनी शिक्षा ग्रहण की थी। इसके बाद उन्होंने, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद, वह 1982 में अमेरिका चली गईं और 1984 में अर्लिंगटन में टेक्सास विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की। उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी करने के बाद 1988 में नासा एम्स रिसर्च सेंटर में काम करना शुरू किया था।
उन्होंने पहली बार 1997 में एक मिशन विशेषज्ञ और प्राथमिक रोबोटिक आर्म ऑपरेटर के रूप में स्पेस शटल कोलंबिया में उड़ान भरी थी। कल्पना चावला की दूसरी उड़ान STS-107 पर थी, जो 2003 में स्पेस शटल कोलंबिया की अंतिम उड़ान थी। वह सात चालक दल के सदस्यों में से एक थीं, जिनकी 1 फरवरी, 2003 को स्पेस शटल कोलंबिया आपदा में मृत्यु हो गई थी। अंतरिक्ष यान लैंडिंग से कुछ ही मिनट की दूरी पर था जब यह दुर्घटना हुई।
कल्पना चावला को मरणोपरांत कांग्रेसनल स्पेस मेडल ऑफ़ ऑनर (Congressional Space Medal of Honor), नासा स्पेस फ़्लाइट मेडल (Nasa Space Flight Medal) और नासा विशिष्ट सेवा मेडल (Nasa Distinguished Service Medal) से सम्मानित किया गया। कल्पना चावला के सम्मान में, हरियाणा सरकार ने ज्योतिसर, कुरुक्षेत्र में कल्पना चावला तारामंडल की स्थापना की। इसके अलावा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर ने कल्पना चावला अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सेल का नाम उनके सम्मान में रखा। मेगा आइकॉन्स (2018-2020), प्रमुख भारतीय व्यक्तित्वों के बारे में नेशनल ज्योग्राफिक (National Geographic) पर एक भारतीय डॉक्यूमेंट्री टेलीविजन श्रृंखला में भी कल्पना चावला की उपलब्धियों के लिए एक एपिसोड समर्पित है। First Updated : Wednesday, 01 February 2023