यूपी के कानपुर में शुक्रवार को भड़की हिंसा मामले में पुलिस को जफर हयात नाम के शख्स की तलाश है। पुलिस ने जफर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद पुलिस सख्ती से मामले की जांच में जुटी है। कानपुर के बेकनगंज में हुई हिंसा में अब तक 3 FIR दर्ज हो चुकी हैं। दो FIR पुलिस ने दर्ज की हैं। यतीमखाना के पास चंदेश्वर हाते में रहने वाले लोगों ने भी एफआईआर दर्ज करवाई है। तनावपूर्ण स्थिति के बीच रात 2 बजे यतीमखाना की सड़क पर पुलिस कमिश्नर और डीएम ने फ्लैग मार्च किया। घरों में दबिश देकर संदिग्ध उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस कमिश्नर विजय मीणा ने बताया कि अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हमें अभी तक जो फोटो और वीडियो मिले हैं उसके जरिए उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। 40 नामजद और 1000 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है। इलाके के सारे सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं ताकि उपद्रवियों की पहचान हो सके। हिंसा में शामिल उपद्रवियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया जा सकता है। दरअसल, CM योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर देर रात हाई लेवल मीटिंग के बाद ये आदेश दिया है।
बता दें कि 3 जून को बेकनगंज इलाके के यतीमखाना बाजार में जुमे की नमाज के बाद करीब 1,000 लोगों ने 5 घंटे तक उपद्रव किया। पथराव, तोड़फोड़ करते हुए दुकानों को लूट लिया गया। पुलिस को उन्हें रोकने लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। बता दे कि 26 मई को एक न्यूज चैनल पर ज्ञानवापी मामले को लेकर डिबेट हो रही थी इसमें बीजेपी नेता नूपुर शर्मा भी मौजूद थीं। डिबेट के सवाल पर नूपुर ने पैगंबर मोहम्मद पर एक बयान दिया। नूपुर शर्मा के इस बयान पर कई मुस्लिम संगठनों ने नाराजगी जताई थी। 27 मई को मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने बाजार बंद का आह्वान किया। नूपुर के बयान पर कानपुर में पोस्टर लगाए गए।
28 मई को हयात की तरफ से 3 मई को जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया गया। 29 मई को मुस्लिम इलाके के हजारों लोगों ने हयात को अपना समर्थन दिया। 30 मई को हयात ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ बैठक की। 2 जून को कानपुर के बेकनगंज इलाके में फिर दुकानों को बंद करने की अपील की गई। मस्जिदों में हुई तकरीरों में कहा गया कि वो लोग पैगंबर मोहम्मद पर की गई किसी भी टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। 3 जून को बेकनगंज इलाके में अधिकतर दुकानें बंद थी लेकिन यतीमखाना के पास के बाजार में कुछ हिंदू दुकानदारों ने दुकानें खोली थीं। दोपहर पौने दो बजे यतीमखाना के पास की मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की गई। ढाई बजे के करीब नमाज के बाद लोग बाहर निकले और सीधे बाजार में खुली हुई दुकानों को जबर्दस्ती बंद कराने लगे। हिंदू दुकानदारों ने दुकाने बंद करने से मना किया, तो लोगों के बीच शामिल कुछ अराजक तत्वों ने सबसे पहले चंद्रेश के हाता में घुसकर पथराव शुरू कर दिया।
जिसके बाद पूरे इलाके का माहौल बिगड़ गया। इसी बीच भीड़ में शामिल कुछ शरारती तत्वों ने तमंचों से फायर किए। देखते ही देखते परेड चौराहा पर करीब एक हजार लोग इकट्ठा हो गए। बवाल शुरू होने के बाद स्थितियां तेजी से बेकाबू हुईं। पुलिस तंग गलियों में घुसकर कार्रवाई नहीं कर पा रही थी। संकरी गलियों में लोग रुक-रुककर पथराव कर रहे थे। पुलिस ने लोगों को नियंत्रित करने के लिए कई राउंड फायर किए। लाठीचार्ज करके लोगों को गलियों में खदेड़ा गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए करीब 12 थानों की पुलिस को मौके पर भेजा गया। करीब 5 घंटे तक चले उपद्रव के बाद स्थिति काफी हद तक काबू में आ गईं। कानपुर में हुई हिंसा के बाद देर रात CM ने गोरखपुर मंदिर से वर्चुअल बैठक की। इसके बाद बेकनगंज थाने में 1,040 उपद्रवियों के खिलाफ 2 FIR दर्ज की गईं। बवाल के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी समेत 40 लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं, जबकि करीब 1,000 अज्ञात उपद्रवियों की पहचान की जानी बाकी है। First Updated : Saturday, 04 June 2022