Karnataka: बीजेपी नेता येदियुरप्पा के घर पत्थरबाजी, बंजारा-भोवी समुदाय ने आरक्षण को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

कर्नाटक में आरक्षण को लेकर बंजारा-भोवी समुदाय के लोगों ने बीजेपी नेता येदियुरप्पा के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच पत्थरबाजी भी की गई, वहीं प्रदर्शकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

Lalit Hudda
Lalit Hudda

कर्नाटक में आरक्षण के मुद्दे को लेकर बंजारा और भोवी समुदाय के सैकड़ों लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया। सोमवार को प्रदर्शकारियों ने बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन और पत्थरबाजी की। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई भी की। बता दें कि बंजारा और भोवी समुदाय के लोग अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण पर कर्नाटक सरकार के फैसले का विरोध कर रहे है। बंजारा समुदाय का कहना है कि सरकार के फैसले से उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।

कर्नाटक के शिमोगा जिले में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस दौरान पुलिस पर पथराव भी किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के पोस्टर भी जलाए। वहीं प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि जिस प्रकार से आरक्षण का बंटवारा हुआ है, ऐसे में उनका हिस्सा कम हो गया है। गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार के अनुसूचित जातियों के बीच आंतरिक आरक्षण पर एजे सदाशिव पैनल आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के लिए केंद्र को सिफारिश की। इस फैसले के विरोध में बंजारा-भोवी समुदाय के लोगों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

वहीं प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने को लाठीर्चा करना पड़ा है। वहीं प्रदर्शकारियो की ओर से पथराव भी किया गया। इस बीच एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। इसके बाद पुलिस ने किसी अप्रिय घटना को रोकने और इलाके में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए शिकारीपुर कस्बे में धारा 144 लागू कर दी है। बंजारा समुदाय का मानना है कि सरकार की नई नीति से उनके अधिकारों और हितों को नुकसान पहुंचेगा। इस वजह से वे सरकार से इसे वापस लेने की मांग कर रहे है।

कर्नाटक सरकार ने शिक्षा और नौकरियों में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण के बदलाव को लेकर केंद्र से सिफारिश की है। जिसमें एससी समुदाय के लिए 17 प्रतिशत आरक्षण में से 6 प्रतिशत अनुसूचित जाति (लेफ्ट) जाति, 5.5 प्रतिशत अनुसूचित जाति (राइट) 4.5 फीसदी छूत के लिए और एक प्रतिशत अन्य के लिए आरक्षित रखा जाए। बता दें कि यह फैसला 2005 में कांग्रेस-जनता दल द्वारा गठित एजे सदाशिव आयोग की रिपोर्ट के आधार किया गया।

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27 March 2023, 06:28 PM IST

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