नई दिल्ली। जगदीप धनखड़ ने देश के 14वें उपराष्ट्रपति के तौर पर गुरुवार दोपहर को शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जगदीप धनखड़ को शपथ दिलाई। निर्वाचित उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत मंत्रिमंडल के कई मंत्री मौजूद रहे। इससे पहले जगदीप धनखड़ ने महात्मा गांधी के स्मारक राजघाट गए। जगदीप धनखड़ ने बापू के स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। बता दें 6 अगस्त को संपन्न हुए उपराष्ट्रपति के चुनाव में कुल 725 सांसद ने वोट दिया। इसमें 710 मत वैध और 15 वोट अवैध पाये गए। इस में जगदीप धनखड़ को 525 और मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले थे।
उपराष्ट्रपति का जीवन परिचय
राजस्थान के झुंझुनू जिले के कैथाना गांव में 18 मई 1951 को एक किसान परिवार में जगदीप धनखड़ का जन्म हुआ। जगदीप धनखड़ और उनके दो भाइयों और बहन ने गांव के ही सरकारी स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त हुई। बाद में जगदीप धनखड़ ने सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा पासकर सैनिक स्कूल में दाखिला लिया। स्कूली शिक्षा के बाद जगदीप धनखड़ ने राजस्थान के प्रतिष्ठित महाराज कॉलेज जयपुर में भौतिकी विज्ञान में स्नातक की. साल 1978 में उनहोंने जयपुर यूनिवर्सिटी से एलएलबी में एडमिशन लिया। कानून की डिग्री लेने के बाद उन्होंने वकालत शुरू कर दी। और 1990 में जगदीप धनखड़ को राजस्थान हाई कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता का ओहदा दिया गया। वे राजस्थान हाई कोर्ट में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे। जगदीप धनखड़ ने देश के कई हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक वकालत की प्रैक्टिस की। उसके बाद धनखड़ देश के प्रतिष्ठित वकीलों में शुमार हो गए। 71 वर्षीय धनखड़ पिछले तीन दशकों से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हैं।
राजनीतिक जीवन की शुरूआत
साल 1989 में जगदीप धनखड़ सक्रिय राजनीति में आए। धनखड़ झुंझुनूं से 1989 से 91 तक जनता दल से सांसद रहे। हालांकि, बाद में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। अजमेर से कांग्रेस टिकट पर वे लोकसभा चुनाव हार गए थे फिर धनखड़ 2003 में बीजेपी में शामिल हो गए। उसके बाद अजमेर के किशनगढ़ से विधायक चुने गए। जगदीप धनखड़ नवीं लोकसभा के लिए झुंझुनू से सांसद चुने गए और 1990 में वे केन्द्र में मंत्री बने। उन्होंने राजस्थान की राजनीति में भी हाथ आजमाया और 1993 से लेकर 1998 तक वो विधायक रहे। राजस्थान में जाट बिरादरी को आरक्षण दिलाने में धनखड़ की अहम भूमिका है। 20 जुलाई 2019 को उन्हें पश्चिम बंगाल का गवर्नर नियुक्त किया गया और तब से लेकर लगातार वो चर्चा में रहे। First Updated : Thursday, 11 August 2022