जानिए 21 जून को ही क्यों मनाते हैं विश्व योग दिवस
जैसा की आप जानते हैं कि योग शरीर और मस्तिष्क की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। योग आध्यात्मिक अभ्यास है जो शांति, आत्मविश्वास और साहस को बढ़ाता है। योग के माध्यम से तन मन मस्तिष्क की गतिविधियों को और बेहतर तरीके से
जैसा की आप जानते हैं कि योग शरीर और मस्तिष्क की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। योग आध्यात्मिक अभ्यास है जो शांति, आत्मविश्वास और साहस को बढ़ाता है। योग के माध्यम से तन मन मस्तिष्क की गतिविधियों को और बेहतर तरीके से किया जा सकता है। योग एक ऐसा अभ्यास है, जो आपको कई तरह की बीमारियों से तो दूर रखता ही है आपको मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखता है। ऐसे में नियमित योगाभ्यास की सलाह दी जाती है। योग के महत्व को समझते हुए दुनियाभर को जागरूक करने के लिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने की शुरुआत हुई। संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रस्ताव रखा। जिसे मंजूरी मिलने के बाद 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की गई। लेकिन योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है? इस दिन की शुरुआत को लेकर कई तथ्य आपको नहीं पता होंगे। जो हम आज आपको बताने वाले हैं।
योग दिवस को अंतरराष्ट्रीय तौर पर मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र संघ ने किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त महासभा में विश्व स्तर पर योग दिवस मनाने का आह्वान किया। योग के महत्व को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने महज तीन महीने के अंदर स्वीकार कर लिया। 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए 21 जून की तारीख योग दिवस के लिए तय कर दी। 193 देशों में से 175 देशों ने बिना किसी वोटिंग के भारत के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। किसी प्रस्ताव को यूएनजीए में इतनी बड़ी संख्या में समर्थन मिलना एक रिकॉर्ड है। बता दें कि इससे पहले किसी भी प्रस्ताव को इतने बड़े पैमाने पर समर्थन नहीं मिला था। पहली बार ऐसा हुआ कि किसी देश को यूएन असेंबली में सिर्फ 90 दिनों के भीतर स्वीकार कर लिया गया हो। ये भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
विश्व स्तर पर योग दिवस को मनाने की शुरुआत 21 जून से हुई। पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया। पहला योग दिवस भारत में संचालित हुआ। पहले योग दिवस के मौके पर भारत में दो रिकॉर्ड बनाए गए। पहला भारत में 35 हजार से ज्यादा लोगों ने एक साथ राजपथ पर योगासन किया, दूसरा इस योग दिवस आयोजन में 84 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।नआपको बता दें कि 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन भी कहते हैं। इस दिन को ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं। इस दिन आम दिनों की तुलना में आज के दिन सूरज की किरणें ज्यादा देर तक धरती पर रहती हैं। इस कारण इसे बड़ा दिन माना जाता है। इस घटना के कारण ही 21 जून को योग दिवस भी मनाया जाता है। योग में इस घटना को संक्रमण काल कहते हैं। संक्रमण काल के दौरान योग करने से शरीर को बहुत लाभ मिलता है। दरअसल, 365 दिनों में से 21 जून सबसे लंबा दिन होता है। इसकी वजह ये है कि इन दिन उत्तरी गोलार्ध पर सूरत की सबसे ज्यादा रोशनी पड़ती है।
इस दिन सूरज जल्दी निकलता है और देरी से ढलता है। साथ ही इस दिन सूरज से मिलने वाली ऊर्जा सबसे ज्यादा प्रभावी होती है जो प्रकृति की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती है। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक योग का पहला प्रसार भगवान शिव ने अपने 7 शिष्यों के बीच किया था। इन सातों ऋषियों को ग्रीष्म संक्रांति के बाद आने वाली पहली पूर्णिमा पर योग की दीक्षा दी गई, इस सभी को शिव के अवतरण के तौर पर माना जाता था। इस मनाए जाने वाले योग दिवस यानी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के 8वें संस्करण की थीम “योग फॉर ह्यूमैनिटी” है। मानवता के लिए योग इस थीम पर ही दुनियाभर में योग दिवस मनाया जाएगा। बता दें कि भारत को योग गुरु कहा जाता है। इसलिए आयुष मंत्रालय ने 21 जून को दुनियाभर में आयोजित होने वाले योग दिवस की ये खास थीम चुनी। इस बार मुख्य कार्यक्रम कर्नाटक के मैसूर में आयोजित किया जाएगा। मैसूर में इस खास कार्यक्रम का नेतृत्व पीएम मोदी खुद करेंगे। हमारी टीम की तरफ से भी आप सबों को योग दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं। करें योग रहें निरोग।