Land For Jobs Scam: लालू यादव के करीबियों के 24 ठिकानों पर ईडी का छापा, 53 लाख कैश और 540 ग्राम सोना मिला

नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार और उनके करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर शुक्रवार को छापेमारी की थी। शनिवार को ईडी ने बताया कि शुक्रवार को हुई छापेमारी के दौरान उन्हें क्या-क्या मिला है। ईडी ने बताया कि छापेमारी के दौरान उसे करीब 53 लाख रुपये कैश, 1900 अमेरिकी डॉलर, 540 ग्राम सोना, 1.5 किलोग्राम सोने के जेवरात और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले है।

Lalit Hudda
Lalit Hudda

नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार और उनके करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर शुक्रवार को छापेमारी की थी। शनिवार को ईडी ने बताया कि शुक्रवार को हुई छापेमारी के दौरान उन्हें क्या-क्या मिला है। ईडी ने बताया कि छापेमारी के दौरान उसे करीब 53 लाख रुपये कैश, 1900 अमेरिकी डॉलर, 540 ग्राम सोना, 1.5 किलोग्राम सोने के जेवरात और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले है।

ईडी के मुताबिक, इस मामले की जांच के दौरान पता चला है कि करीब 600 करोड़ रुपये में से 350 करोड़ की अचल संपति खरीदी गई। जबकि 250 करोड़ रुपये बेनामी प्रोपर्टी के जरिए रूट्स किये गए। नौकरी के बदले जमीन मामले में ईडी ने बताया कि ज्यादातर जमीन पटना के पॉश इलाकों में गलत तरीके से तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के जरिए रेलवे में जॉब देने के नाम हड़प ली गई थी। वर्तमान में जिनकी कीमत करीब 200 करोड़ रुपये है।

ईडी ने कहा कि जिनके नाम पर बेनामी प्रोपर्टी है और जिन लोगों को फायदा पहुचांया गया है उनकी पहचान हो गई है। ईडी ने खुलासा किया है कि दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का बंगला मेसर्स एबी एक्सपोर्ट प्राइवेट के नाम पर रजिस्टर है, जबकि बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और उनके परिवार बंगले पर नियंत्रण है। साथ ही दस्तावेजों में प्रोपर्टी की कीमत महज चार लाख रुपये ही दिखाई गई है, लेकिन असल में इसकी कीमत 150 करोड़ रुपये की है।

ईडी ने बताया कि जांच करने पर पता चला कि कब्जा की गई जमीन के चार टुकड़े ऐसे थे जो साढ़े सात लाख रुपये में ग्रुप-डी की नौकरी दिलाने में खरीदे गए। इसके बाद इन्हें आरजेडी के पूर्व विधायक अबू दोजाना को साढ़े तीन करोड़ में बेच दिए गए और यह पैसा तेजस्वी यादव के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया गया। ईडी ने दावा किया है कि रेलवे जोन में 50 प्रतिशत से अधिक नौकरी पाने वाले लोग लालू यादव के परिवार के विधानसभा क्षेत्रों से थे।

क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?

दरअसल, यह मामला बिहार से पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव से जुड़ा हुआ है। 2004 से 2009 के बीच लालू यादव रेल मंत्री रहे थे। उस दौरान उनके परिवार को तोहफे में जमीन दे कर या जमीन के बदले रेलवे में कथित तौर पर ग्रुप-डी की नौकरी दिए जाने से इसका संबंध है। आरोप है कि कुछ लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता में रेलवे के विभिन्न जोन में 2004-2009 के दौरान ग्रुप-डी के पदों पर नियुक्त किया था। इसके बदले में उन लोगों ने या उनके परिवार के सदस्यों ने लालू यादव और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के नाम पर अपनी जमीन दी थी। बाद में इस कंपनी का स्वामित्व लालू यादव के परिवार के सदस्यों ने अपने हाथ में ले लिया था।

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11 March 2023, 06:49 PM IST

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