एक तरफ जहां हर किसी का सपना होता है कि समंदर किनारे अपना एक घर हो। समंदर और प्रकृति की गोद में हर किसी को रहने की दिली इच्छा होती है। लेकिन इसी समंदर किनारे रहने वाले लोगों पर उस समय आफत आ जाती है जब उन्हें समुद्री तूफान का सामना करना पड़ता है। हालांकि आज विज्ञान ने इतनी प्रगति कर ली है कि ऐसे तूफान की आहट और सूचना हमें काफी पहले से मिल जाती है और हम इससे निपटने की तैयारी में जुट जाते हैं और बहुत हद तक अपने आपको को सुरक्षित कर लेते हैं। फिलहाल साइक्लोन मैंडूस दक्षिण के कुछ राज्यों के लिए आफत बना हुआ है।
खासकर तमिलनाडु के तटीय इलाकों पर खतरा ज्यादा मंडरा रहा है क्योंकि मैंडूस तूफान के शुक्रवार को गंभीर होने की संभावना है। इस दौरान 105 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इसके चलते तमिलनाडु के 13 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। एहतियातन एनडीआरएफ की आधा दर्जन टीमें तैनात की गई हैं। ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने सभी पार्कों और प्लेग्राउंड को अगली सूचना तक के लिए बंद कर दिया है।
इसके अलावा लोगों से अगले दो दिन शुक्रवार और शनिवार समुद्र किनारे नहीं जाने की हिदायत दी है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ घंटों के दौरान तमिलनाडु के तिरुवल्लुर, चेन्नई, चेंगलपट्टू और कांचीपुरम जिलों में कुछ जगहों पर तेज बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा रानीपेट्टई, वेल्लोर, तिरुपत्तर, कृष्णागिरी, धर्मपुरी, तिरुवन्नामलाई, कल्लाकुरिची, अरियालुर, पेराम्बलुर, थिरुचिरापल्ली, करूर, इरोड, सलेम में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, तूफान वेस्ट-नॉर्थ वेस्ट की ओर बढ़ रहा है और 9 दिसंबर की रात 65 से 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार साथ पुडुचेरी और श्रीहरिकोटा के बीच नार्थ तमिलनाडु, पुडुचेरी और उसके आस-पास के दक्षिण आंध्र प्रदेश के तट को पार करेगा। तूफान की चेतावनी के बाद समुद्र किनारे सभी दुकानें बंद कर दी गईं, जबकि मछली पकड़ने वाली नौकाओं को सुरक्षा के लिए समुद्र तटों से दूर रखा गया है। इमरजेंसी के लिए समुद्र तटों पर एंबुलेंस भी तैनात की गई हैं।
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