खतरनाक विषाणु से सावधान रहने की जरूरत

पिछले दो दिनो में भारत में एक खतरनाक विषाणु ने प्रवेश करने का संकेत दिया है। हालांकि विशेषज्ञों ने इस इन्फ्लूएंजा बताया है और इसे गले की एक सामान्य बीमारी बताकर लोगों को राहत दी है।

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आशुतोष मिश्र

पिछले दो दिनो में भारत में एक खतरनाक विषाणु ने प्रवेश करने का संकेत दिया है। हालांकि विशेषज्ञों ने इस इन्फ्लूएंजा बताया है और इसे गले की एक सामान्य बीमारी बताकर लोगों को राहत दी है। इस बात की चिंता और भी इसलिए बढ़ जाती है कि शुक्रवार को देश में इस विषाणु से मरने वाले 2 मरीजों की पहचान हुई। इनमें एक हरियाणा के जींद जिले और दूसरा कर्नाटक के हासन जिले में मरीज के मरने की पुष्टि हुई। इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय काफी संवेदनशील है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लेकर एडवाइजरी भी जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इनफ्लुएंजा बीमारी को खतरे से बाहर नहीं बताया है।

मंत्रालय का कहना है कि यह एक प्रकार का गले का संक्रमण है । इसमें गले में खराश के साथ-साथ सर्दी जुकाम जैसी सामान्य परेशानी प्राथमिक तौर पर मरीजों के अंदर देखने को मिलती है। ऐसी परिस्थिति में मरीजों को विशेष देखभाल की  जरूरत पड़ती है। मरीजों में इस प्रकार का लक्षण पाए जाने पर मरीजों को फौरन एहतियात के तौर पर इलाज मुहैया कराने की जरूरत है। ऐसा लक्षणा पाए जाने पर थोड़ी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। इनफ्लुएंजा नाम की इस बीमारी में इस नए वायरस की पहचान हुई है। 

उसे एच 3 एन 2 के नाम से जाना गया है। यह विषाणु सामान्य इन्फ्लुएंजा में पाए जाने वाले विषाणु से थोड़ा अलग है। इसलिए इसके संक्रमण का दर और प्रभाव भी काफी अलग दिख रहा है। एक दिन पहले इस विषाणु से 2 मरीजों की मौत ने केंद्र और सभी प्रदेश सरकार को सचेत रहने पर मजबूर कर दिया है। इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो एडवाइजरी जारी की है उसमें सबसे पहले उन लोगों की पहचान करने की जरूरत पर बल दिया गया है जिन्होंने कोविड महामारी के दौरान टीके नहीं लगाए हैं। ऐसे मरीजों के लिए फौरन टीके लगवाने की बात कही गई है। इस परिस्थिति में टीका न लगवाने वाले लोगों के लिए वायरस काफी मुसीबत लेकर आ सकता है। 

स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस विषाणु से बचने के लिए अगर संभव हो तो आम जनमानस बूस्टर डोज लगाकर इस बीमारी को अपने पास भटकने से रोक सकता है। फिलहाल इसकी रोकथाम के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पूरी तरह कमर कस ली है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोविड के दौरान लगभग देश की पूरी आबादी को टीका लग चुका है। इसलिए इस विषाणु से अधिक घबराने की जरूरत नहीं है। सिर्फ इसके लिए हमने सतर्कता और विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना जरूरी ठहराया है। विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार हमें 2 वर्ष पूर्व किए जाने वाले उपाय की ओर फिर से देखने पर मजबूर किया है। 

दो वर्ष पूर्व इस गाइडलाइन के तहत मास्क पहनना ,सामाजिक दूरी बनाना और साफ सफाई का विशेष ख्याल रखने की हिदायत दी गई  थी। वर्तमान में दो मरीजों की मौत के बाद केंद्र सरकार के साथ सभी राज्य सरकारों को सतर्क रहने को भी कहा है। इसकी एक वजह ये भी है कि पिछले एक हफ्ते में प्रतिदिन कोविड के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले डेढ़ वर्षो की तुलना में काफी अधिक हैं इस संख्या ने सरकार को एक बार दोबारा सोचने पर  मजबूर कर दिया है। 2 दिन पहले केवल एक दिन में भारत में 3000 से अधिक कोविड के मरीज पाए गए।

इसको लेकर केंद्र सरकार काफी सतर्क हो गई है। आने वाले दिनों में यह संभावना है कि बड़े आयोजनों और एक साथ होने वाले उत्सव पर भी केंद्र सरकार की गाइडलाइन जारी हो जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। फिलहाल इस एडवाइजरी से आम लोगों का भला ही है इसीलिए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन पर आम लोगों को अधिक प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है, बल्कि ऐसे समय में हमें केंद्र एवं राज्य सरकारों की मदद करनी चाहिए । यह मदद हमें ऐसे समय में न सिर्फ अपनी स्वास्थ्य रक्षा में मदद करेगी बल्कि हमें एक जिम्मेदार नागरिक बनाने में भी काफी सहायक सिद्ध होगी। इसके लिए हमें अभी से ही कमर कसकर तैयार हो जाना चाहिए क्योंकि स्वस्थ मनुष्य ही किसी देश के विकास में सक्रिय योगदान दे सकता है। First Updated : Saturday, 11 March 2023