ऐसे ही नहीं कहलाए “नेताजी” राजनीति से ज्यादा अपने चाहने वालों से रखते थे लगाव
कहा जाता है कि मुलायम सिंह यादव का लगाव एक बार जिससे हो जाता उनके लिए वह संबध राजनीति से ज्यादा महत्वपर्ण होती थी। मुलायम सिंह यादव के करीब रहने वाले बताते हैं कि वह कभी किसी से बैर नहीं रखते थे यही कारण था कि अपने दल के नेता तो उनसे जुड़े ही थे विपक्ष के भी ज्यादातर नेता का सबंध उनसे काफी गहरा था। उनके निधन के बाद देश के तमाम राजनेताओं ने अपनी सवेदनाएं व्यक्त की।
नई दिल्ली: कहा जाता है कि मुलायम सिंह यादव का लगाव एक बार जिससे हो जाता उनके लिए वह संबध राजनीति से ज्यादा महत्वपर्ण होती थी। मुलायम सिंह यादव के करीब रहने वाले बताते हैं कि वह कभी किसी से बैर नहीं रखते थे यही कारण था कि अपने दल के नेता तो उनसे जुड़े ही थे विपक्ष के भी ज्यादातर नेता का सबंध उनसे काफी गहरा था। नेताजी के भाई शिवपाल सिंह यादव कहते हैं कि नेताजी अपनी राजनीति जमीन पर किया करते थे, वह लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं एवं उनकी चिंताएं जाना करते थे। शिवपाल सिंह यादव आगे कहते हैं कि नेताजी को जो भी कार्यकर्ता अपने शादी या किसी अन्य कार्यक्रम में आमंत्रित करता वह बिना ज्यादा सोचे उस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंच जाते और यही प्रेम उन्हें मुलायम सिंह यादव से "नेताजी" बना दिया।
कहा जाता है कि मुलायम सिंह यादव कोई प्रखर वक्ता नहीं थे लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कभी इसका एहसास सामने वाले को होने नही दिया। ऐसा माना जाता है कि मुलायम सिंह यादव के अन्य नेताओं के साथ व्यक्तिगत सबंध काफी गहरे थे। उदाहरण के लिए सबसे बड़ा नाम पीएम मोदी का है। पीएम के बारे में हम सभी जानते हैं कि वह किसी व्यक्तिगत कार्यक्रमों ने आमतौर पर जाना पसंद नहीं करते हैं लेकिन मुलायम सिंह यादव के बुलावे पर पीएम उनके पैतृक गांव सैफई एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंच गए थे। जिसकी बाद में काफी चर्चा भी हुई। और यहीं कारण है कि पीएम ने उनसे जुड़ी लम्बी यादें अपने ट्वीटर अकाउंट पर साझा की हैं।
पीएम मोदी ने साझा की नेताजी से जुड़ी लम्बी यादें
पीएम मोदी ने उनसे जड़ी अपनी लम्बी यादें साझा करते हुए लिखा कि श्री मुलायम सिंह यादव जी एक विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। उन्हें एक विनम्र और जमीन से जुड़े नेता के रूप में व्यापक रूप से सराहा गया, जो लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील थे। उन्होंने लगन से लोगों की सेवा की और लोकनायक जेपी और डॉ. लोहिया के आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। मुलायम सिंह यादव जी ने यूपी और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई। वह आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए एक प्रमुख सैनिक थे। रक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने एक मजबूत भारत के लिए काम किया। उनके संसदीय हस्तक्षेप व्यावहारिक थे और राष्ट्रीय हित को आगे बढ़ाने पर जोर देते थे। जब हमने अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के रूप में काम किया, तब मुलायम सिंह यादव जी के साथ मेरी कई बातचीत हुई। घनिष्ठता जारी रही और मैं हमेशा उनके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक था। उनका निधन मुझे पीड़ा देता है। उनके परिवार और लाखों समर्थकों के प्रति संवेदना।