एनएसए डोभाल, अमेरिका के शीर्ष नेतृत्व से करेंगे वार्ता
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ‘इनीशिएटिव फॉर क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी’ (आईसीईटी - iCET) पर पहली उच्च-स्तरीय बैठक के तहत अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन सहित शीर्ष अमेरिकी नेतृत्व के साथ महत्वपूर्ण बातचीत करेंगे।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ‘इनीशिएटिव फॉर क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी’ (आईसीईटी - iCET) पर पहली उच्च-स्तरीय बैठक के तहत अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन सहित शीर्ष अमेरिकी नेतृत्व के साथ महत्वपूर्ण बातचीत करेंगे। बता दें कि इस बैठक में उनके साथ भारत से पाँच अन्य अधिकारी भी शामिल होंगे। माना जा रहा है कि दोनों पक्षों के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण और उभरती प्रोद्योगिकों के बारे में चर्चा होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के बाद यह वार्ता भारत-अमेरिका संबंधों में ‘अगला, बड़ा मील का पत्थर’ साबित हो सकती है। डोभाल इस बैठक के लिए सोमवार को अमरीका पहुंचेगे और दोनों पक्षों के बीच हुए फैसलों को 31 जनवरी को वाइट हाउस में बैठक के बाद साझा किया जाएगा।
NSA अजित डोभाल के साथ पाँच अन्य अधिकारी भी शामिल होंगे जिसमें ISRO के अध्यक्ष एस सोमनाथ, प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद, रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार जी सतीश रेड्डी, दूरसंचार विभाग के सचिव के राजाराम और DRDO महानिदेशक समीर वी कामत शामिल हैं। बता दें कि 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच जापान में हुई वार्ता में iCET का पहली बार उल्लेख किया गया था।
iCET के तहत दोनों देशों ने सहयोग के छः क्षेत्रों की पहचान की है। दोनों देशों के बीच सहयोग सह-विकास और सह-उत्पादन के सिद्धांत पर आधारित होगा, जिसे धीरे-धीरे अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान का रणनीतिक समूह, फिर नाटो (उत्तर एटलांटिक संधि संगठन) और फिर यूरोप और बाकी दुनिया में विस्तारित किया जाएगा। इसका मकसद बाकी दुनिया को ऐसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां प्रदान करना है, जो सस्ती हों। भारत और अमेरिका ने iCET के तहत सहयोग के लिए जिन छह क्षेत्रों की पहचान की है, उनमें वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास, क्वांटम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रक्षा नवाचार, अंतरिक्ष तथा 6जी और सेमीकंडक्टर जैसी उन्नत संचार शामिल हैं।