नूपुर का विरोध पड़ा भारी, प्रदर्शनकारी प्रवासियों को डिपोर्ट करेगा कुवैत

बीजेपी से निष्काशित नेता नूपुर शर्मा के बयान के बाद से हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है. देश के साथ विदेशों में भारतीय लोग नूपुर शर्मा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं

calender

बीजेपी से निष्काशित नेता नूपुर शर्मा के बयान के बाद से हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है. देश के साथ विदेशों में भारतीय लोग नूपुर शर्मा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. निलंबित बीजेपी नेता नुपुर शर्मा की पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी ने खाड़ी देशों में हलचल मचा दी है. वहां भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ. लेकिन कुवैत में अप्रवासियों को ये प्रदर्शन महंगा पड़ गया. कुवैत ने कहा है कि वो उन प्रवासियों को डिपोर्ट करेगा जिन्होंने पैगंबर मुहम्मद पर निलंबित बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा की गई टिप्पणी के खिलाफ आयोजित प्रदर्शन में भाग लिया था.

इससे कुवैत सरकार बेहद नाराज है. इसे सीधे तौर पर कुवैती कानून का उलंघन माना जा रहा है. दरअसल नूपुर शर्मा के खिलाफ 10 जून को कुवैत के फहाहील इलाके में प्रदर्शन करने वाले भारतीयों समेत सभी अप्रवासी एशियाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है. इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है और अब उनके देश डिपोर्ट किया जाएगा. वहां के कानून के उल्लंघन के आरोप में इन सभी प्रवासियों के वीजा रद्द कर दिए गए और निर्वासन केंद्र भेजा गया है.

फिलहाल पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इन लोगों को प्रदर्शन के लिए किसने उकसाया था. इस मामले पर कुवैत सरकार ने कहा, यहां रहने वाले सभी लोगों को देश के कानूनों का पालन करना होगा. किसी भी तरह के धरने-प्रदर्शन से दूर रहना जरूरी है. कुवैत में प्रदर्शन करने वाले प्रवासियों में भारतीय, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमान थे. निर्वासन केंद्र भेजे गए सभी प्रदर्शनकारियों के नाम अब कुवैत में प्रतिबंधित लोगों की सूची में शामिल हो जाएंगे. ये कभी दोबारा कुवैत में प्रवेश नहीं कर सकेंगे. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने कुवैत में प्रवासियों के धरने या प्रदर्शन पर रोक लगाने वाले देश के कानूनों और नियमों का उल्लंघन किया है.

अरब देशों में धरना-प्रदर्शन के आयोजन पर प्रतिबंध लागू है. किसी भी तरह के प्रदर्शन को नियमों और कानूनों का उल्लंघन माना जाता है और इसमें शामिल लोगों को उनके देश भेज दिया जाता है. इस मुद्दे पर 57 मुस्लिम देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने विरोध जताया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने OIC के बयान पर ऐतराज जताया. विदेश मंत्रालय ने कहा- भारत OIC सचिवालय की गैरजरूरी और छोटी सोच वाली टिप्पणियों को साफ तौर पर खारिज करता है. भारत सरकार सभी धर्मों को सम्मान देती है. भारत और कुवैत के बीच ऐतिहासिक रूप से रिश्ते काफी मजबूत रहे हैं. भारत अपनी जरूरत के ऑयल का एक बहुत बड़ा हिस्सा यहां से इम्पोर्ट करता है First Updated : Monday, 13 June 2022