सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर देहरादून में शौर्य स्थल युद्ध स्मारक पर रक्षा मंत्री ने कहा- देश की सीमाएं सुरक्षित होने से ही विकास संभव

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर देहरादून के शौर्य स्थल युद्ध स्मारक पर अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने भी यहां श्रद्धांजलि अर्पित की।

Sagar Dwivedi
Edited By: Sagar Dwivedi

उत्तराखंड। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर देहरादून के शौर्य स्थल युद्ध स्मारक पर अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने भी यहां श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर देहरादून में शौर्य स्थल युद्ध स्मारक पर रक्षा मंत्री ने कहा कि जब भी इस देश को जरूरत पड़ी है, उत्तराखंड के वीरों ने देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया है।

सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर देहरादून में शौर्य स्थल युद्ध स्मारक पर रक्षा मंत्री ने कहा कि जब मैं आप जैसे देश के वीरों के बीच पहुंचता हूं तो मेरा शीश श्रद्धा से झुक जाता है। आपकी वीरता और बलिदान के दृश्य मेरी आंखों के सामने चमकते रहते हैं। आपने हमारे देश की सीमाओं की रक्षा की है और इसकी एकता और अखंडता को बनाए रखा है। भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए रक्षा मंत्रालय में एक समर्पित विभाग है। आप हमारे देश की संपत्ति हैं। पेंशन, चिकित्सा और अन्य सुविधाएं जो देश आपको देता है, आपके प्रति सम्मान दिखाने के छोटे तरीके हैं। पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कई कदम।

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी 7वें सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस पर कहा कि सशस्त्र बलों ने हमारे देश के सम्मान, गौरव और प्रतिष्ठा को अक्षुण्ण रखा है। उन्होंने हमेशा हमारे दुश्मनों को करारा जवाब दिया है। उनकी वजह से अब कोई भारत से भिड़ने की हिम्मत नहीं करता। आज सशस्त्र बलों को पहले की तरह सर्दियों के कपड़े जैसी सभी आवश्यक चीजें प्रदान की जाती हैं, उनका कल्याण पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रमुख प्राथमिकता है। पहले हमारे सशस्त्र बलों को हमारे दुश्मनों पर जवाबी हमला करने के लिए भी अनुमति लेनी पड़ती थी, लेकिन अब वे निर्णय लेने और संचालन करने के लिए स्वतंत्र हैं।

सोर्स- ट्विटर/ANI

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14 January 2023, 04:25 PM IST

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