गोवा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पणजी में 9वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (WAC) के समापन समारोह में AIIMS के आयुष अस्पताल का उद्घाटन किया। इसी के साथ उन्होंने उत्तर प्रदेश के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ यूनानी मेडिसिन और दिल्ली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी का वर्चुअल उद्घाटन किया।
पीएम मोदी ने कहा कि अपने ज्ञान, विज्ञान और सांस्कृतिक अनुभव से विश्व के कल्याण का संकल्प अमृत काल का बड़ा लक्ष्य है, आयुर्वेद इसके लिए एक प्रभावी माध्यम है। भारत इस वर्ष G20 समुह की अध्यक्षता और मेजबानी कर रहा है। हमने G20 समिट की थीम वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर रखा है। मुझे यकीन है कि ये तीनों संस्थान आयुष हेल्थ केयर व्यवस्था को नई गति देंगे। आयुर्वेद एक ऐसा ज्ञान है जिसका मोटो है, सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। इसका मतलब है सबका सुख और सबका स्वास्थ्य।
आगे उन्होने कहा कि आयुर्वेद इलाज से आगे बढ़कर कल्याण की बात करता है और कल्याण को बढ़ावा देता है। विश्व भी अब तमाम परिवर्तनों और प्रचलनों से निकलकर इस प्राचीन जीवन दर्शन की तरफ लौट रहा है। मुझे खुशी है कि भारत में इसको लेकर बहुत पहले से ही काम शुरू हो चुका है। अंतराष्ट्रीय योग दिवस को अब पूरी दुनिया हेल्थ और वेलनेस के ग्लोबल फेस्टिवल के तौर पर मनाती है। इसका मतलब इस योग और आयुर्वेद को पहले उपेक्षित समझा जाता था, उसको आज पूरी मानवता के लिए एक नई उम्मीद बन गया है।
उन्होने कहा कि हमारे पास आयुर्वेद का परिणाम भी था, प्रभाव भी था, लेकिन प्रमाण के मामले में हम पीछे छूट रहे थे। इसलिए, आज हमें ‘डेटा बेस्ड एविडेंसेस’ का डॉक्युमेंटेशन करना अनिवार्य है। इसके लिए हमें लंबे समय तक निरंतर काम करना होगा। कुछ लोग समझते हैं कि आयुर्वेद, सिर्फ इलाज के लिए है लेकिन इसकी खूबी ये भी है कि आयुर्वेद हमें जीवन जीने का तरीका सिखाता है...आयुर्वेद हमें सिखाता है कि हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर की तरह ही शरीर और मन भी एक साथ स्वस्थ रहने चाहिए, उनमें समन्वय रहना चाहिए।
सोर्स- ट्विटर/ ANI
इसे भी पढ़े.........
गाजियाबाद में तैयार उत्तर भारत का सबसे बड़ा यूनानी अस्पताल, PM मोदी करेंगे लोकार्पण First Updated : Sunday, 11 December 2022