पीएम मोदी ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की,जानें कौन थे श्यामा प्रसाद मुखर्जी

पीएम नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अन्य केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के साथ संसद के सेंट्रल हॉल में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की.भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्य कार्यालय में जयंती पर याद कर उन्हें पुष्प अर्पित की साथ ही वृक्षा रोपण किया. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को आज की भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे जिन्होंने भारतीय जनसंध की स्थापना कर आज के भाजपा की नींव रखी.

नई दिल्ली।  पीएम नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अन्य केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के साथ संसद के सेंट्रल हॉल में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की.भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्य कार्यालय में जयंती पर याद कर उन्हें पुष्प अर्पित की साथ ही वृक्षा रोपण किया. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी  आज की भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे जिन्होंने भारतीय जनसंध की स्थापना कर आज के भाजपा की नींव रखी.

 

आइए जानतें है 10 बिंदुओं में उनसे जुड़ी कुछ मुख्य तथ्य:-

• डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई, 1901 को कलकत्ता में हुआ था।

• डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे। इसके अलावा, वह एक महान शिक्षाविद एवं चिंतक भी थे।

• वर्ष 1921 में डॉ. मुखर्जी ने कलकत्ता से अंग्रेज़ी में स्नातक किया था।

• स्नातक करने के बाद, वर्ष 1923 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कलकत्ता से ही बंगाली भाषा और साहित्य में परास्नातक की डिग्री प्राप्त की थी।

• इसके बाद डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी वर्ष 1934 में कलकत्ता विश्वविद्यालय में कुलपति (Vice Chancellor) के रूप में नियुक्त हुए।

• वहीं वर्ष 1944 में वे ‘हिंदू महासभा’ के अध्यक्ष नियुक्त हुए थे।

• उन्हें पंडित नेहरु ने अंतरिम सरकार में उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री के रूप शामिल किया था। हालांकि बाद में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इस पद से इस्तीफा दे दिया था।

• वर्ष 1951 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिल्ली में 'भारतीय जनसंघ' की स्थापना की थी।

• 23 जून, 1953 को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का देहांत हो गया था।

• डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त करने के लिए मुखर थे। वह इसके लिए आंदोलनरत थे। उन्होंने इसके लिए एक निशान, एक विधान, एक प्रधान का नारा दिया था।

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06 July 2022, 01:31 PM IST

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