नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17वीं सदी के संत तुकाराम के सम्मान में 14 जून को पुणे से लगभग 30 किमी दूर उनके जन्मस्थान देहू में एक शिला मंदिर राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी संत तुकाराम के अनुयायियों से बातचीत भी करेंगे। जगद्गुरु श्री संत तुकाराम महाराज संस्थान के अध्यक्ष नितिन मोरे ने बताया, "प्रधानमंत्री 14 जून को संत तुकाराम का शिला मंदिर राष्ट्र को समर्पित करेंगे।"
शिला मंदिर एक शिला (पत्थर) को समर्पित है जहां संत तुकाराम ने 13 दिनों तक ध्यान किया था। मंदिर के एक पदाधिकारी ने बताया कि शिला के पास मंदिर में संत तुकाराम की एक नई मूर्ति लगाई गई है। किंवदंती है कि विद्वान रामेश्वर भट्ट ने संत तुकाराम को अपने छंदों की पुस्तकों को इंद्रायणी नदी में डुबोने के लिए कहा था लेकिन संत तुकाराम की दलील थी कि पुस्तकें उनका लेखन नहीं है बल्कि ईश्वर के शब्द हैं जो उनके द्वारा बोले गए हैं। लेकिन उनकी बातों को स्वीकार नहीं किया गया।
संत तुकाराम नदी के किनारे एक पत्थर पर 13 दिनों तक ध्यान में बैठे रहे। उसके बाद उनकी पुस्तकें नदी में तैरती मिलीं। तुकाराम के अनुयायी आषाढ़ और कार्तिक महीनों में पंढरपुर की तीर्थयात्रा शुरू करने से पहले शिला मंदिर में पूजा करते हैं। First Updated : Monday, 06 June 2022