कश्मीरी पंडितों पर गुलाम नबी आजाद के बयान पर सियासत तेज, जानिए क्या कहा था इस नेता ने?
अपने बयान में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारे समय में कश्मीरी पंडितों को कोई छेड़ता नहीं था। उन्होंने कहा कि अभी के लिए जान ज़्यादा जरूरी है लेकिन तब तक के लिए कश्मीरी पंडितों को जम्मू भेजना चाहिए। अभी नौकरी ज़्यादा जरूरी है या जान?
कांग्रेस से इस्तीफा देकर कश्मीर की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि हमारे समय में कश्मीरी पंडितों को कोई छेड़ता नहीं था। उन्होंने कहा कि अभी के लिए जान ज़्यादा जरूरी है लेकिन तब तक के लिए कश्मीरी पंडितों को जम्मू भेजना चाहिए। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि अभी नौकरी ज़्यादा जरूरी है या जान?
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद के एक बयान को लेकर केंद्र शासित प्रदेश में राजनीतिक जबरदस्त तरीके से हो रही है।
दरअसल, गुलाम नबी आजाद ने स्थिति सामान्य होने तक कश्मीरी पंडितों को जम्मू भेजने की बात की है। हालांकि, गुलाम नबी आजाद के इस बयान को लेकर अलग-अलग राजनीतिक दलों के लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। अपने बयान में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारे समय में कश्मीरी पंडितों को कोई छेड़ता नहीं था। उन्होंने कहा कि अभी के लिए जान ज़्यादा जरूरी है लेकिन तब तक के लिए कश्मीरी पंडितों को जम्मू भेजना चाहिए। अभी नौकरी ज़्यादा जरूरी है या जान?
हमारे समय में कश्मीरी पंडितों को कोई छेड़ता नहीं था। अभी के लिए जान ज़्यादा जरूरी है लेकिन तब तक के लिए कश्मीरी पंडितों को जम्मू भेजना चाहिए। अभी नौकरी ज़्यादा जरूरी है या जान? अगर हमारी सरकार आएगी तो हम यही करेंगे: डेमोक्रेटिक आज़ाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आज़ाद, अनंतनाग pic.twitter.com/Bq4Dua6cyi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 26, 2022
डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा था कि कश्मीर में स्थिति में सुधार होने तक कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को जम्मू शिफ्ट किया जाना चाहिए। गुलाम नबी आजाद ने श्रीनगर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, दुर्भाग्य से कुछ घटनाएं हो गई हैं। जीवन प्राथमिकता में है और इसलिए मेरी राय है कि कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को जम्मू में सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। स्थिति में सुधार होने के बाद उन लोगों को वापस लौटना चाहिए।