Post Budget Webinar:देश और देशवासियों के विकास के लिए धन के साथ ही मन भी चाहिए- बोले पीएम मोदी

पोस्ट बजट वेबिनार के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी सोमवार को 27 फरवरी को अंतिम मील तक पहुंचना। 12 पोस्ट-बजट वेबिनार की शुरुआत 23 फरवरी से हो गई थी। 23 फरवरी को ग्रीन ग्रोथ पर वेबिनार होगा। इसके अलावा 24 फरवरी को कृषि और सहकारिता, 25 फरवरी युवा शक्ति का दोहन-कौशल और शिक्षा, 28 फरवरी को अंतिम पंक्ति तक पहुंच

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पोस्ट बजट वेबिनार के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी सोमवार को 27 फरवरी को अंतिम मील तक पहुंचना। 12 पोस्ट-बजट वेबिनार की शुरुआत 23 फरवरी से हो गई थी। 23 फरवरी को ग्रीन ग्रोथ पर वेबिनार होगा। इसके अलावा 24 फरवरी को कृषि और सहकारिता, 25 फरवरी युवा शक्ति का दोहन-कौशल और शिक्षा, 28 फरवरी को अंतिम पंक्ति तक पहुंच, 1 मार्च को योजना पर ध्यान देने के साथ शहरी विकास, 3 मार्च को मिशन मोड में पर्यटन विकास, वहीं 4 मार्च को इंफ्रस्ट्रक्चर और इनवेस्ट, 6 मार्च स्वास्थ्य और चिकित्सा, 7 मार्च वित्तीय क्षेत्र, 10 मार्च महिला सशक्तिकरण और 11 मार्च को पीएम विश्कर्मा सम्मान।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'ये परंपरा रही है कि बजट के बाद, बजट के संदर्भ में संसद में चर्चा होती है, लेकिन हमारी सरकार बजट पर चर्चा को एक कदम आगे लेकर गई है। बीते कुछ वर्षों से हमारी सरकार ने बजट बनाने से पहले भी और बाद भी सभी स्टेकहोल्डर से गहन मंथन की नई परंपरा शुरू की है। किसी भी सरकारी नीति या कार्यक्रम की सफलता की पहली शर्त सुशासन है। शासन संवेदनशील और समर्पित होना चाहिए। जब कार्यों की उचित निगरानी होती है, तो उनकी दक्षता और समय पर पूरा होना अत्यधिक संभव हो जाता है।'

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में एक पुरानी अवधारणा रही है कि लोगों का कल्याण और देश का विकास सिर्फ धन से ही होता है। देश और देशवासियों के विकास के लिए धन तो जरूरी है ही लेकिन धन के साथ ही मन भी चाहिए। सरकारी कार्यों और सरकारी योजनाओं की सफलता की अनिवार्य शर्त है सुशासन, संवेदनशील शासन, जन सामान्य को समर्पित शासन। जब सरकार के काम Measurable होते हैं, उसकी निरंतर मॉनीटरिंग होती है तो उसके Desired Result भी मिलते हैं। जिस दिन हम ठान लेंगे कि हर मूलभूत सुविधा, हर क्षेत्र में, हर नागरिक तक पहुंचाकर ही रहेंगे, तो देखिएगा कितना बड़ा परिवर्तन स्थानीय स्तर पर कार्य-संस्कृति में आता है।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'सैचुरेशन की नीति के पीछे यही भावना है। अगर हमने पुराने दृष्टिकोण के साथ काम करना जारी रखा होता, तो हमारे कोविड टीकाकरण अभियान की सफलता में कई दशक लग जाते। लेकिन कुशल और सुशासन के हमारे नए दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप इसकी सफलता के लिए रिकॉर्ड तोड़ कम समय लग गया है। इस दृष्टिकोण ने तेज और गहरे स्तरों पर अंतिम मील कनेक्टिविटी प्रदान की है। भारत में जो आदिवासी क्षेत्र हैं, ग्रामीण क्षेत्र हैं, वहां आखिरी छोर तक Reaching The Last Mile के मंत्र को ले जाने की जरूरत है।  इस साल के बजट में भी इस पर विशेष ध्यान दिया गया है।'

पीएम मोदी आगे कहा कि 𝐑𝐞𝐚𝐜𝐡𝐢𝐧𝐠 𝐓𝐡𝐞 𝐋𝐚𝐬𝐭 𝐌𝐢𝐥𝐞 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए बजट में हजारों करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 2019 तक हमारे देश के ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 3 करोड़ घरों में ही नल से जल जाता था,अब इनकी संख्या बढ़ कर 11 करोड़ से अधिक हो चुकी है। इस वर्ष के बजट में हमने गरीबों के घर के लिए 80 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। हमें housing for all की मुहिम को तेजी से आगे बढ़ाना होगा। 

यदि हम स्कूल स्तर पर ही स्टार्टअप्स और डिजिटल मार्केटिंग के लिए संबद्ध कार्यशालाओं को सुनिश्चित करते हैं, तो हमें निश्चित रूप से उत्कृष्ट परिणाम मिलेंगे। यह आदिवासी समुदायों के छात्रों की भी मदद करेगा। एक बार जब छात्र एकलव्य मॉडल स्कूलों से बाहर निकल जाते हैं, तो उनके पास पहले से ही अपने जनजातीय उत्पादों के विपणन और प्रचार के बारे में विशेषज्ञता होती है। हमें गरीबों की ऐसी शक्ति बढ़ानी है जिससे हमारा गरीब ही गरीबी को परास्त करे। 

पीएम मोदी ने कहा कि 'हर गरीब ये संकल्प लेना शुरू करे कि अब मुझे गरीब नहीं रहना है और मुझे मेरे परिवार को गरीबी से बाहर निकालना है। हम देश भर के 200 से अधिक जिलों और 22,000 से अधिक गांवों में जनजातीय लोगों को सुविधाएं प्रदान करने के मिशन पर हैं। हमें आगे के बारे में सोचने, कार्यान्वयन पर अधिक ध्यान केंद्रित करने और प्रौद्योगिकी का यथासंभव अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। हमें पारदर्शिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है ताकि लाभार्थी उचित, कुशल और समयबद्ध तरीके से सुविधाओं का लाभ उठा सकें।' First Updated : Monday, 27 February 2023