कोरोना काल में 80 करोड़ लोगों को फ्री अनाज दिया गया, कोई भूखा नहीं सोया: वित्त मंत्री सीतारमण
सभी को आज पेश होने वाले ससंद बजट का इंतज़ार था। आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन वर्ष 2023-24 का संसद बजट पेश कर रही हैं।
सभी को आज पेश होने वाले ससंद बजट का इंतज़ार था। आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन वर्ष 2023-24 का संसद बजट पेश कर रही हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने सुनिश्चित किया है कि 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न दिया ताकि महामारी के दौरान कोई भी भूखा न रहे। उन्होंने कहा कि सरकार 1 जनवरी से 2 लाख करोड़ रुपये के खर्च के साथ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न आपूर्ति करने की योजना लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के समय में जी-20 की अध्यक्षता वैश्विक व्यवस्था में भारत की भूमिका को मजबूत करने का अवसर देती है।
वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय सरकार ने कोरोना काल के दौरान यह बड़ा फैसला लिया था, जिसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया था ताकि कोई भी भूखा न सोए। इस योजना के अंतर्गत किसी कोई कोई पैसा नहीं देना होगा। इस योजना का सरकार पर हर साल दो लाख करोड़ का अतिरिक्त खर्च आया है। सरकार ने इस योजना को 2023 तक चलने का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री गरब कल्याण अन्न योजना में प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल या गेहूं (क्षेत्रीय आहार वरीयताओं के अनुसार) और राशन कार्ड रखने वाले प्रत्येक परिवार को 1 किलो दाल प्रदान करता है। इस कल्याणकारी योजना का पैमाना इसे दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम बनाता है।
बता दें, यह योजना शुरू में 26 मार्च 2020 को भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक घोषणा के साथ शुरू की गई थी, जिन्होंने कोरोना के दौरान राष्ट्र को अपने पहले संबोधन में मौजूदा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना कल्याण पहल के हिस्से के रूप में कार्यक्रम की घोषणा की थी। महामारी के प्रारंभ में, यह योजना 1.70 लाख करोड़ रुपये की लागत से अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए शुरू की गई थी, लेकिन बाद में इसकी अवधि सीमा बढ़ा दी गयी थी।