कांग्रेस नेता पूर्व सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने का मामला अब विदेश में भी तूल पकड़ता जा रहा है। देश की राजनीति में इस बात को लेकर तो भारी घमासान मचा ही हुआ है, लेकिन अब इसको लेकर विदेशों से भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अमेरिका के बाद अब जर्मनी ने पूर्व सांसद राहुल गांधी विवाद को लेकर टिप्पणी की है।
जर्मनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि, "भारत में विपक्षी दल के नेता राहुल गांधी के खिलाफ आए अदालत के फैसले और उनकी संसद सदस्यता रद्द होने के मामले पर हमारी नजर बानी हुई हैं।" उन्होंने आगे कहा कि हमारी जानकारी के अनुसार कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा के निर्णय के विरुद्ध अपील करने की स्थिति में हैं।
अब अपील के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि कि फैसला कायम रहेगा या नहीं और राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने का कोई आधार भी है या नहीं। हम यह उम्मीद करते हैं कि मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों और न्यायिक स्वतंत्रता का पालन किया जाएगा।
इस मामले में जर्मनी से पहले अमेरिका ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था कि हम भारत की अदालतों में पूर्व सांसद राहुल गांधी के मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। वेदांत पटेल ने ये भी कहा था कि अमेरिका भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता समेत लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति साझा प्रतिबद्धता के लिए हमेशा भारत सरकार के साथ है।
ज्ञात हो कि कि साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरनेम पर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसको टिप्पणी लेकर राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया गया है। सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए राहुल को दो साल की सजा सुनाई है। अदालत से सजा मिलने के बाद लोकसभा सदस्य के रूप में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से सांसद थे। First Updated : Thursday, 30 March 2023