पंजाब-हरियाणा में क्या रंग लाएगी कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’, मिशन 2024 के लिए पार्टी के सामने हैं ये कठिन चुनौतियां
दक्षिण से उत्तर पहुंची कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अब अपने शबाब पर दिख रही है.. शुरूआत में भले ही लोगों ने इसे हल्के में लिया हो पर अब सियासी गलियारे में इसके चर्चे होने लगे हैं। हर राज्य में इस यात्रा का अलग-अलग प्रभाव पड़ता दिख रहा है। जैसे कि यूपी के बाद अब उत्तर भारत के दो अहम राज्यों पंजाब-हरियाणा में इस यात्रा के प्रभाव के साथ कांग्रेस के पुनर्जीवन की बात होने लगी है...
दक्षिण से उत्तर पहुंची कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’अब अपने शबाब पर दिख रही है.. शुरूआत में भले ही लोगों ने इसे हल्के में लिया हो पर अब सियासी गलियारे में इसके चर्चे होने लगे हैं। हर राज्य में इस यात्रा का अलग-अलग प्रभाव पड़ता दिख रहा है। जैसे कि यूपी के बाद अब उत्तर भारत के दो अहम राज्यों पंजाब-हरियाणा में इस यात्रा के प्रभाव के साथ कांग्रेस के पुनर्जीवन की बात होने लगी है।
गौरतलब है कि राहुल गांधी की ये ऐतिहासिक यात्रा 10 जनवरी को पंजाब में पहुंच रही है, जबकि इससे पहले 5 जनवरी को ‘भारत जोड़ो यात्रा’हरियाणा में जा चुकी है। ऐसे में इन दोनो राज्यों में सत्ता से दूर हुई कांग्रेस पूरे ताकत के साथ राजनीतिक समीकरण साधने में लगी है। इन राज्यों में पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौति अपने नेताओं को एक जुट कर अपनी मिशन 2024 के लिए राजनीतिक जमीन को मजबूत करना है।
हरियाणा में खोई हुई ताकत को वापस पाना कांग्रेस के लिए अहम चुनैति
बात करें हरियाणा की तो यहां राज्य में खोई हुई ताकत को वापस पाने के लिए कांग्रेस अपने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दोबारा से मजबूत स्थिति में लाने की कोशिश में लगी है। इसके लिए जहां हुड्डा को विधायक दल का नेता बनाया गया है तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी कुमारी शैलजा से लेकर उदयभान सिंह को दे दी गई है। हालांकि उदयभान सिंह का अध्यक्ष बनाया जाना पार्टी के लिए मुश्किलें भी बढ़ा रहा है। मालूम हो कि उदयभान सिंह के बढ़ते कद के चलते ही पूर्व मंत्री किरण चौधरी ने हरियाणा मेंपहुंची ‘भारत जोड़ो यात्रा’के लिए अपने समर्थकों को भेजने से मना कर दिया था। ऐसे में कांग्रेस को हरियाणा में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सबसे पहले तो इन नाराज नेताओं को इकठ्ठा करने की चुनौति है।
पंजाब में नवजोत की रिहाई के बाद बदले हालात में क्या करेगी कांग्रेस
वहीं पंजाब में भी कमोबेश ऐसी ही स्थति बनी हुई, जहां साल 2022 में अपनी सत्ता खोने के बाद कांग्रेस में काफी उथल पुथल की स्थिति बनी हुई है। वहीं जनवरी के अंत तक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई हो रही है, ऐसे में माना जा रहा है कि नवजोत का बाहर आना राज्य की कांग्रेस पार्टी में उथलपुथल मचा सकता है। बता दें कि 1988 के एक रोडरेज केस में जेल में सजा काट रहे नवजोत को रिहाई के बाद पार्टी नई जिम्मेदारी दे सकती है।