Rahul Gandhi को ED से तीन दिन की मोहलत , सोमवार को होगी फिर से पूछताछ

नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ को लेकर तीन दिन की मोहलत दी है। दरअसल, राहुल गांधी ने अपनी

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नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ को लेकर तीन दिन की मोहलत दी है। दरअसल, राहुल गांधी ने अपनी मां सोनिया गांधी की सेहत का हवाला देते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी से कुछ दिन के समय की मांग थी, जिसे ईडी ने स्वीकार कर लिया है। अब जांच एजेंसी सोमवार को राहुल गांधी से फिर से पूछताछ करेगी।

सोनिया की श्वास नली में हुआ इन्फेक्शन

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सांस नली के निचले हिस्से में फंगल इन्फेक्शन हो गया है, जिसके कारण गुरुवार को उनकी हालत बिगड़ गई थी। बता दें कि राहुल को गुरुवार के ब्रेक के बाद शुक्रवार को ईडी के दफ्तर पहुंचना था, लेकिन सोनिया गांधी की खराब तबीयत के कारण उन्होंने पूछताछ को टालने के लिए कहा था। ईडी ने पूछताछ के लिए सोनिया को भी किया तलब ईडी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 जून को पूछताछ के लिए समन भेजा है। इससे पहले 8 जून को पूछताछ के लिए समन किया था, लेकिन 1 जून को वे कोरोना पॉजटिव हो गई थी। जिसकी वजह से वे ईडी के सामने पेश नहीं हो पाईं। वहीं रविवार को संक्रमण के चलते सोनिया की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?

नेशनल हेराल्ड का मामला 2012 में चर्चा में आया था। तब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड (वाईआईएल) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया है। स्वामी ने आरोप लगाया था कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया।

एजेएल का गठन

देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 20 नवंबर 1937 को एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी एजेएल का गठन किया था। इसका उद्देश्य अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्रों को प्रकाशित करना था। तब एजेएल के अंतर्गत अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज समाचार पत्र प्रकाशित हुए। 90 के दशक में यह अखबार घाटे में आने लगे। साल 2008 तक एजेएल पर 90 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज चढ़ गया। तब एजेएल ने फैसला किया कि अब समाचार पत्रों का प्रकाशन नहीं किया जाएगा। अखबारों का प्रकाशन बंद करने के बाद एजेएल प्रॉपर्टी व्यापार में उतर गई। First Updated : Friday, 17 June 2022