राजनाथ सिंह और जापानी समकक्ष ने टोक्यो में की रक्षा और क्षेत्रीय सुरक्षा से संबंधित विषयों की समीक्षा
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने टोक्यो में जापान के रक्षामंत्री यासुकाज़ु हमदा के साथ द्विपक्षीय विषयों पर वार्ता की है। दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के साथ-साथ क्षेत्रीय मामलों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की। इस दौरान भारत-जापान रक्षा साझेदारी के महत्व तथा नियम-आधारित भारत-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया।
नई दिल्ली: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने टोक्यो में जापान के रक्षामंत्री यासुकाज़ु हमदा के साथ द्विपक्षीय विषयों पर वार्ता की है। दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के साथ-साथ क्षेत्रीय मामलों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की। इस दौरान भारत-जापान रक्षा साझेदारी के महत्व तथा नियम-आधारित भारत-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया। प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत-जापान द्विपक्षीय रक्षा अभ्यास में बढ़ती जटिलताएं दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के और गहरा होने के प्रमाण हैं।
दोनों मंत्रियों ने धर्म गार्डियन,जिमेक्स और 'मालाबार' सहित द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों को जारी रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने इस वर्ष मार्च में अभ्यास 'मिलन' के दौरान आपूर्ति और सेवा समझौते के पारस्परिक प्रावधान के संचालन का स्वागत किया। दोनों मंत्रियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त कर लड़ाकू अभ्यास के शीघ्र आयोजन से दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच अधिक सहयोग करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
रक्षामंत्री ने रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में साझेदारी के दायरे का विस्तार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने जापानी उद्योगों को भारत के रक्षा गलियारों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया, जहां भारत सरकार द्वारा रक्षा उद्योग के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है। इस यात्रा के दौरान टोक्यो पहुंचने के बाद सिंह ने जापान के आत्मरक्षा बल के कर्मियों, जिन्होंने ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले एक स्मारक पर श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान जापानी रक्षामंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक से पहले उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।गौरतलब हो कि इस वर्ष भारत और जापान के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे हो रहे हैं। दो मजबूत लोकतांत्रिक देशों के रूप में दोनों देश एक विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के लिए प्रयासरत हैं।