कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक अपनी भारत जोड़ो यात्रा को काफी सफल करार दिया है। उन्होने भाजपा और आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं खासतौर से RSS और BJP के लोगों को धन्यवाद करता हूं ।क्योंकि जितना वे आक्रमण करते हैं, उतना हमें सुधार करने का मौका मिलता है। मैं चाहता हूं कि वे और ज़ोर से करें जिससे कांग्रेस पार्टी को अपनी विचारधारा अच्छे से समझ आए। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि मैं उनको अपना गुरु मानता हूं कि वह मुझे रास्ता दिखा रहे हैं कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं और अच्छी ट्रेनिंग दे रहे हैं।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष के नेता हमारे साथ खड़े हैं और यह हमें मालूम हैं। भारत जोड़ो के दरवाजे उन सबके लिए खुले हैं जो भी भारत को जोड़ना चाहता है। हम भारत जोड़ो में आने के लिए किसी को नहीं रोकेंगे। मायावती जी और अखिलेश यादव हिंदुस्तान में मोहब्बत चाहते हैं, नफरत नहीं। जब उनके वरिष्ठ नेता बुलेट प्रूफ गाड़ी से बाहर आते हैं तो कोई चिट्ठी नहीं जाती। उनके नेताओं ने रोड शो किए, खुली जीप में गए जो प्रोटोकॉल के ख़िलाफ़ है। उनके लिए प्रोटोकॉल अलग, मेरे लिए अलग। CRPF जानती है कि मेरे लिए क्या करना चाहिए क्या नहीं।
साथ ही आगे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मैं आपको एक बात लिखकर देता हूं कि कांग्रेस मध्य प्रदेश के चुनावों को जीतेगी और भाजपा वहां दिखाई नहीं देगी। मध्य प्रदेश में तूफान आया हुआ है और वहां हर कोई जानता है कि भाजपा ने वहां पैसा देकर सरकार बनाई है। पूरा प्रदेश गुस्से में है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मैं शहीद परिवार का हूं और मैं जानता हूं कि जब एक युवा अपनी जान देता है तो उसके परिवार पर क्या गुजरती है। लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में कोई ऐसा नहीं है जो यह समझता हो। हम नहीं चाहते कि हमारी सेना से कोई जवान शहीद हो। उन्होने कहा कि हम नहीं चाहते कि इस चीज़ को लापरवाही से लें और सेना राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल की जाए और उसका नुकसान हमारे जवानों, उनके परिवारों को हो।
राहुल गांधी ने कहा कि इन्होंने पहला कदम डोकलाम और दूसरा कदम लद्दाख में लिया। मुझे लग रहा है कि यह तैयारी कर रहे हैं। अब सवाल 'अगर' का नहीं बल्कि 'कब' का है। सरकार को हमारी वायु, थल और नौसेना की बात सुननी होगी और सेना का राजनीतिक इस्तेमाल बंद करना होगा। हमारी सरकार ने चीन के मामले को पूरी तरह से अप्रभावी तरीके से संभाला है। कांग्रेस की विदेश नीति का लक्ष्य था कि चीन और पाकिस्तान को एक नहीं होने देना है जो हमने UPA-2 तक बखूबी किया। आज पाकिस्तान और चीन एक हो गए हैं। यह मामूली बात नहीं है।
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