RSS स्थापना दिवस : भागवत बोले,बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय, जनसंख्या नीति के विचारों को पीछे नही रख सकते
आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक अपना स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर आरएसएस मुख्यालय नागपुर में संगठन के कार्यकर्ताओं को आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत नें संबोधन किया। यह पहली बार है जब संघ ने किसी महिला अथिति को अपने कार्यक्रम में आमंत्रित किया है। पद्मश्री संतोष यादव इस कार्यक्रम में आमंत्रित हुए है। यादव देश की एक मात्र महिला पर्वतारोही हैं जिन्होंने दो बार माउंट एवरेस्ट के शीर्ष उचांई तक चढाई करने में सफलता हासिल की है।
नागपुर: आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक अपना स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर आरएसएस मुख्यालय नागपुर में संगठन के कार्यकर्ताओं को आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत नें संबोधन किया। यह पहली बार है जब संघ ने किसी महिला अथिति को अपने कार्यक्रम में आमंत्रित किया है। पद्मश्री संतोष यादव इस कार्यक्रम में आमंत्रित हुए है। यादव देश की एक मात्र महिला पर्वतारोही हैं जिन्होंने दो बार माउंट एवरेस्ट के शीर्ष उचांई तक चढाई करने में सफलता हासिल की है।
यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मै सौभाग्यशाली हुं कि मुझे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला। उन्होंने आगे कहा कि मै संघ के कार्यकलापो से काफी प्रेरित हुं और मै आप सभी बन्धुओं से अनुरोध करुंगा कि आप भी संगठन के द्वारा किए जा रहे कार्यो को करीब से देंखे यह काफी शोभनीय और प्ररेणादायक है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने महिलाओं को सशक्त बनाने की बात की, और कहा कि उनके बिना "एक समाज प्रगति नहीं कर सकता"। "हमें अपनी महिलाओं को सशक्त बनाना चाहिए। महिलाओं के बिना समाज आगे नहीं बढ़ सकता।" भागवत ने कहा आरएसएस के लगभग 100 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी महिला को किसी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया है।
उन्होंने जनसंख्या नीति पर ध्यान देने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, "जनसंख्या को संसाधनों की आवश्यकता होती है। यदि यह संसाधनों के निर्माण के बिना बढ़ती है, तो यह एक बोझ बन जाती है। एक और दृष्टिकोण है जिसमें जनसंख्या को एक संपत्ति माना जाता है। हमें दोनों पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सभी के लिए जनसंख्या नीति पर काम करने की आवश्यकता है," "हिंदू राष्ट्र" का जिक्र कर उन्होंने कहा "हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पर हर जगह चर्चा की जा रही है। कई अवधारणा से सहमत हैं लेकिन कुछ लोग 'हिंदू' शब्द के विरोध में हैं और दूसरे शब्दों का उपयोग करना पसंद करते हैं, हमारे पास ऐसा नहीं है। किसी भी मुद्दे के साथ। अवधारणा की स्पष्टता के लिए - हम अपने लिए हिंदू शब्द पर जोर देते रहेंगे।"
उन्होंने कहा, "एक बाधा जो हमारे सनातन धर्म में बाधा डालती है, वह उन ताकतों द्वारा बनाई गई है जो भारत की एकता और प्रगति के विरोधी हैं। वे नकली आख्यान फैलाते हैं, अराजकता को प्रोत्साहित करते हैं, आपराधिक कृत्यों में लिप्त होते हैं, आतंक, संघर्ष और सामाजिक अशांति को भड़काते हैं," और इसी के खिलाफ संगठन कार्य करती है।