बीबीसी डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन के प्रसारण को लेकर अब देश के कई हिस्सों में बवाल बढ़ता ही जा रहा है। जहां पहले इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर हैदराबाद यूनिवर्सिटी में जमकर हंगामा देखने को मिला था वहीं अब जेएनयू में छात्रों का एक संगठन इसकी स्क्रीनिंग को लेकर बवाल कर रहा है। बता दे, भारत सरकार द्वारा बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को बैन किया गया है लेकिन बावजूद पहले हैदराबाद और अब जेएनयू के कुछ छात्र संगठन यूनिवर्सिटी में इसकी स्क्रीनिंग करना चाहते है।
इसी को लेकर देर रात जेएनयू में छात्र संगठनों के बीच जमकर बवाल हुआ। जानकारी के अनुसार छात्रों द्वारा पथराव भी किया गया है। बता दें, इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर कैंपस में सोमवार को पैंपलेट बांटे गए। JNUSU छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने भी विवादित डॉक्यूमेंट्री का पोस्टर शेयर करते हुए लिखा कि यह डॉक्यूमेंट्री 24 जनवरी को रात 9 बजे दिखाई जाएगी। जिसके बाद जेएनयू प्रशासन ने इस पर सख्ती दिखाते हुए कार्यक्रम पर रोक लगाने का निर्देश दिया।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि, ऐसे प्रोग्राम से कैंपस की शांति भग हो सकती है इसलिए सभी छात्र और छात्राएं ऐसा कोई भी अनऑथराइज प्रोग्राम न करे। जो भी छात्र-छात्रा ऐसा करते हुए पाए जाते है तो उनके खिलाफ अनुशासन भंग करने की कारवाई की जाएगी। बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री पर लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है भारत से लेकर ब्रिटेन तक बीबीसी को डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
अपनी इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर बीबीसी का कहना है कि, 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' वेबसीरीज गुजरात में 2002 में हुए दंगों के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल करती है उस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे।" इस मामले पर एक्शन लेते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने YouTube पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' के पहले एपिसोड को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं और ट्विटर से लिंक वाले ट्वीट्स को हटाने के लिए कहा है। इसको लेकर अब जमकर राजनीति हो रही है और विपक्षी पार्टी पीएम मोदी पर निशाना साध रही है। First Updated : Wednesday, 25 January 2023