संजय राउत ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा-वीर सावरकर और बाला साहेब को भूली सरकार
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कार पाने वालों की लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में सपा संस्थापक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का भी शामिल था। मरणोपरांत उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा। इसे लेकर अब राजनीति तेज हो गई है। कई हिंदू संगठनों ने मोदी सरकार के इस निर्णय का विरोध किया है। वहीं राज्यसभा सासंद संजय राउत ने कहा कि मोदी सरकार वीर सावरकर और बाला साहेब को भूल गई है।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कार पाने वालों की लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में सपा संस्थापक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का भी शामिल था। मरणोपरांत उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा। इसे लेकर अब राजनीति तेज हो गई है। कई हिंदू संगठनों ने मोदी सरकार के इस निर्णय का विरोध किया है। वहीं राज्यसभा सासंद संजय राउत ने कहा कि मोदी सरकार वीर सावरकर और बाला साहेब ठाकरे को भूल गई है।
उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर और शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे को भारत रत्न न दिए जाने पर केंद्र आलोचना की है। इस मामले पर उन्होंने बीजेपी और शिंदे गुट पर भी निशाना साधा है। शिवसेना सांसद ने मुलायम सिंह यादव बड़ा नेता बताया है। इसके अलावा उन्होंने मुलायम सिंह को कारसेवकों का हत्यारा बताते हुए उन्हें पद्म विभूषण दिए जाने का विरोध किया।
इस मामले को लेकर शिवसेना उद्धव ठाकरे के गुट एक आक्रोश मार्च निकाला। राउत ने ट्वीट कर लिखा, "आक्रोश मार्च ने साबित कर दिया कि शिवसेना और शिवसेना भवन ही हिंदुओं का एकमात्र आशा स्थान है। 8 वर्षों तक शक्तिमान हिंदू नेताओं के राज के बावजूद हिंदुओं को आक्रोश करना पड़ रहा है। यह किसकी असफलता है? कारसेवकों की हत्या करवाने वाले मौ. मुलायम सिंह को पद्म विभूषण! हिंदू आक्रोश करेंगे ही!"
राउत ने कहा कि "कारसेवकों पर गोली चलवाने वाले मुलायम सिंह यादव जिन्हें बीजेपी मौलाना मुलायम कहती थी, को पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। हालांकि, यह पुरस्कार दो हिंदू-हृदय सम्राटों वीर सावरकर और शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे को नहीं दिया गया।"
संजय राउत ने मुलायम सिंह को कारसेवकों का हत्यारा बताया है। राउत ने कहा कि 'जब अयोध्या का आंदोलन चल रहा था तो उन्होंने कारसेवकों पर गोलियां चलाने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा था कारसेवकों को गोली मारनी होती तो भी पीछे नहीं हटता और बाबरी मस्जिद की रक्षा करता। उसके बाद भी उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।'