लचित बरफुकन की 400वीं जयंती पर बोले शाह इतिहास को गौरवमयी तरीके से विश्व के सामने रखना होगा

अमित शाह ने दिल्ली के लचित बरफुकन की 400वीं जयंती समारोह में संबोधित करते हुए बोले कि "हम आज यहां एक ऐसे शख्स की बहादुरी को याद करने के लिए इकट्ठे हुए हैं, जिनके कार्यों और फैसलों ने पूर्वोत्तर की रक्षा की। भारत माता के इस महान सपूत के योगदान और बलिदान को इस देश की जनता के सामने लाने के लिए मैं हिमंत जी

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24 November 2022, 07:27 PM IST

दिल्ली। अमित शाह ने दिल्ली के लचित बरफुकन की 400वीं जयंती समारोह में संबोधित करते हुए बोले कि "हम आज यहां एक ऐसे शख्स की बहादुरी को याद करने के लिए इकट्ठे हुए हैं, जिनके कार्यों और फैसलों ने पूर्वोत्तर की रक्षा की। भारत माता के इस महान सपूत के योगदान और बलिदान को इस देश की जनता के सामने लाने के लिए मैं हिमंत जी को धन्यवाद देना चाहता हूं। महाराज पृथु की 1206 में बख्तियार खिलजी से लड़ाई और 1671 में औरंगजेब से लचित बरफुकन की लड़ाई के बीच के युद्धों के इतिहास पर प्रकाश डालने के लिए मैं हिमंत जी को धन्यवाद देना चाहता हूं।"

उन्होने कहा कि "छात्रों के लिए अहोम राजवंश के सभी वीरों के इतिहास को सामने लाने से निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों को उनके महान कार्यों से अवगत कराने में मदद मिलेगी। लचित बरफुकन का जिस प्रकार से जीवन रहा, वो न केवल एक सेनापति के रूप में, बल्कि एक देशभक्त के रूप में रहा। सराईघाट की लड़ाई को आज भी याद किया जाता है और याद किया जाना चाहिए। लचित बरफुकन की स्मृति को हमेशा के लिए बहाल करने के लिए, असम सरकार द्वारा कई पहल शुरू की गई हैं। लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनका जीवन हमारी रक्षा करने वाले लोगों को प्रेरित करता रहे, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में सर्वश्रेष्ठ कैडेट स्वर्ण पदक उनके नाम पर रखा गया।"

अमित शाह ने कहा कि "बहादुर अहोम राजाओं के कारण पूर्वोत्तर की संस्कृति सदियों से अक्षुण्ण है। अकबर से लेकर औरंगजेब और कुतुब उद-दीन ऐबक से लेकर इल्तुतमिश तक, सभी ने इस क्षेत्र पर कब्जा करने की कोशिश की। हालाँकि, अहोम राजाओं ने हमारी संस्कृति और परंपराओं की रक्षा की। आप 30 बड़े साम्राज्य जो 150 साल से ज्यादा देश के किसी भी हिस्से में शासन किया हो, और 300 ऐसी विभूतियां, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान दिया और विजयी हुए। उनके जीवन पर लिखिए, रिसर्च कीजिए।

अमित शाह ने कहा कि "नया इतिहास आएगा और जो असत्य है अपने आप चला जाएगा। हमें अपने इतिहास को गौरवमयी तरीके से विश्व के सामने रखना होगा। जानकारों से मैं कहना चाहता हूं कि इतिहास को तोड़ा है, मरोड़ा है, गलत तरीके से लिखा है, इस विवाद से बाहर निकलिए। आज मोदी जी ने पूर्वोत्तर को रेलवे से जोड़ा है। एयररूट से जोड़ा है, विकास से जोड़ा है। मोदी जी ने पूर्वोत्तर को दिल से जोड़ा है। आज पूरा पूर्वोत्तर ये महसूस कर रहा है कि हम भारत का हिस्सा हैं।"

सोर्स- ट्विटर/ ANI

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