शिवसेना विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान बेंच 27 सितंबर को मामले की सुनवाई करेंगी। बुधवार को सुनवाई के दौरान संविधान बेंच से एकनाथ शिंदे गुट की ओर से वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि निर्वाचन आयोग को फैसला लेने दीजिए।
इस पर उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि तीन अगस्त को तीन सदस्यीय बेंच ने निर्वाचन आयोग को कोई भी फैसला लेने पर रोक लगा दी थी। वहीं उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अयोग्य करार दिए गए सदस्य निर्वाचन आयोग नहीं जा सकते हैं।
निर्वाचन आयोग की ओर से वकील अरविंद दातार ने कहा, अगर कोई शिकायत निर्वाचन आयोग के पास आती है तो उस पर फैसला लेने के लिए बाध्य है। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि आज हम कोई आदेश नहीं देंगे। इस मामले की सुनवाई 27 सितंबर को की जाएगी। संविधान बेंच में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हीमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल हैं।
बता दें कि 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना का मामला पांच जजों की संविधान बेंच को सौंप दिया था। उस दौरान तत्कालीन चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने कहा था कि संविधान बेंच तय करेगी कि क्या स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव लंबित हो तो वह अयोग्यता पर सुनवाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टियों के आंतरिक लोकतंत्र और उसमें चुनाव आयोग की भूमिका पर भी संविधान बेंच विचार करें। First Updated : Wednesday, 07 September 2022